ग्रामीणों ने बंद किए 120 मवेशी, भेजे गए गोशाला

संवाद सहयोगी पुरवा फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए ग्रामीणों ने ऊंचगांव किला गांव के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 12:10 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 12:10 AM (IST)
ग्रामीणों ने बंद किए 120 मवेशी, भेजे गए गोशाला
ग्रामीणों ने बंद किए 120 मवेशी, भेजे गए गोशाला

संवाद सहयोगी, पुरवा : फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए ग्रामीणों ने ऊंचगांव किला गांव के एक खाली भूखंड में बेसहारा घूम रहे करीब 120 पशुओं को बंद कर लिया। सूचना पर ब्लाक प्रशासन ने चारे व पानी की समुचित व्यवस्था कराकर उन पशुओं को मुक्त कराया और आसपास की चार गोशाला में भिजवाया है।

बीडीओ डा. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ऊंचगांव किला के एक निजी भूखंड में करीब 120 गोवंशीय पशुओं को बंद किया गया था। शुक्रवार को इसकी सूचना मिलने पर उन्हें वहां से मुक्त कराया गया है। सभी पशुओं को मिर्जापुर, कसरौर, मझखोरिया, दरेहटा की गौशाला में भिजवा दिया गया है। जहां चारे व पानी की व्यवस्था कराते हुए शनिवार को सफाई कर्मियों की देखरेख के लिए तैनाती कर दी गई है। पशुओं को ग्रामीणों की मदद से सफाई कर्मियों को लगाकर गोशाला भेजे गए हैं। जहा कहीं टीनशेड व अन्य संसाधनों की कमी है। उन्हें सही कराया जा रहा है। जबकि, दो दिन के अंदर गदोरवा की गोशाला संचालित हो जाएगी। बताते हैं कि इन पशुओं द्वारा फसल बर्बाद करने के कारण ग्रामीण परेशान थे। जिसकी वजह से उन्हें एक जगह पर पकड़ कर बंद किया गया था।

मंडी के शेड में गोवंश बंद करने पर किसान भड़के, खदेड़ा

संसू, बिछिया: गांव में करीब पांच वर्षों से गोशाला नहीं बनाए जाने पर बेसहारा मवेशी किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। मौरावां में मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर बिछिया ब्लॉक कर्मचारी सुबह से ही गांव के बेसहारा मवेशियों को खदेड़ कर उन्नाव पुरवा मार्ग बिछिया गांव के निकट एक मंडी परिसर में बंद कर दिया। किसानों को जब यह जानकारी हुई मंडी परिसर पहुंचकर मवेशियों को बाहर खदेड़ना शुरू कर दिया। इस पर ब्लॉक कर्मचारियों को हुई तो सचिव रणंजय सिंह, रूपेश श्रीवास्तव व पशु चिकित्साधिकारी डॉ पुष्पराज सिंह ने पहुंचकर किसानों को समझाना शुरू किया। उतने में किसान भड़क गए और कहा जब तक स्थाई गोशाला नहीं बनेगी, तब तक अन्य जगह मवेशी बंद नहीं किये जाएंगे। किसानों और ब्लॉक कर्मचारियों में करीब एक घंटे बहस के बाद ब्लॉक कर्मचारी किसानों के न मानने पर वापस लौट गए।

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