मृतक शिक्षकों की मदद को बनाए मानकों पर संघ ने उठाए सवाल
जागरण संवाददाता उन्नाव चुनाव ड्यूटी व कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले शिक्षकों की मदद
जागरण संवाददाता, उन्नाव: चुनाव ड्यूटी व कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले शिक्षकों की मदद को लेकर जो मानक शासन ने तय किए हैं। उनसे मृतक शिक्षकों के स्वजन को मदद मिलना संभव नहीं है। इस बात को लेकर बनाए गए नियम शर्ताें पर शिक्षक संघ ने सवाल उठाए
हैं। संघ ने मृतक शिक्षकों की स्वजन की मदद को एक दिन का वेतन देने की पेशकश के साथ सभी अध्यापकों से अपनी एक दिन की तनख्वाह देने की अपील की है।
शिक्षक संगठन ने बीएसए को पत्र लिखकर दावा किया है कि जिले में अधिकांश मौते प्रशिक्षण में भाग लेने, चुनाव के पूर्व बीमार होने व चुनाव कराने के बाद हुई है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने कोरोना महामारी के बीच हुए पंचायत चुनाव की अवधि में दो दर्जन से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं, शिक्षामित्र व अनुदेशकों की मौतें होने की बात कही है। साथ संगठन ने दावा किया महामारी में बीमार रहे तमाम शिक्षक अस्पताल में लगने वाली भीड़ व अन्य कारणों से जांच कराने में असमर्थ रहे और काल के गाल में समा गए। कहा कि विशेषज्ञों का भी कहना है कि वर्तमान में अन्य कोई बीमारी प्रभावी नहीं है। ऐसे में शासन से चुनाव ड्यूटी को लेकर लागू नियम-शर्ते तमाम मृतक शिक्षक के परिवारों के लिए चितनीय है। ऐसे नियम-शर्ते तो उन्हें आर्थिक मदद देना भी मुश्किल है। ऐसे में शिक्षक संगठन ने कहा कि बुलंदशहर सहित कई जनपदों में शिक्षकों की सहमति से एक-एक दिन वेतन कटौती करवाकर कल्याण कोष में जमा करने का काम चल रहा है। उन्नाव जनपद में भी कोष की स्थापना कर पीड़ित परिवार की मदद करने की अपील की है। संगठन ने सभी शिक्षकों से आगे आकर अपने एक दिनी वेतन से अपने मृतक शिक्षक साथी के परिवारों की मदद करने की बात कही है। इस दौरान जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह, महामंत्री सौरभ, कोषाध्यक्ष केए मिश्रा, इमरान अली, अनामिका भारती, मंडल अध्यक्ष गजेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष ब्रजेश वर्मा, प्रांतीय कोषाध्यक्ष संजय कनौजिया आदि रहे।