बाढ़ राहत केंद्रों पर पहुंच कर्मचारियों ने परखी हकीकत
जागरण संवाददाता उन्नाव संभावित बाढ़ को देखते हुए डीएम द्वारा अलर्ट जारी किए जाने के बाद श्
जागरण संवाददाता, उन्नाव : संभावित बाढ़ को देखते हुए डीएम द्वारा अलर्ट जारी किए जाने के बाद शुक्रवार को बाढ़ राहत केंद्रों और बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों और अधिकारियों ने पहुंच कर गंगा तटवर्ती गांवों के लोगों से बाढ़ की स्थिति में क्या करना है इसकी जानकारी दी।
तहसील बांगरमऊ के अंतर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तीन केंद्र तथा 8 चौकियां बनाई गई हैं। जिसमें लेखपाल व ग्राम पंचायत अधिकारी तैनात किये गए है। उपजिलाधिकारी दिनेश कुमार ने बताया के बाढ़ क्षेत्रों में मकानों के उनमें रहने वालों की सूची तैयार कराई जा रही है।
तहसील सफीपुर में तीन बाढ़ राहत केंद्र बनाये गए है। फतेहपुर-84, सफीपुर गौरियकला वहीं सात उपकेंद्र बनाये गए है अतहा, गहोली, जमालनगर, अंधेलिया चौराहा, मऊमंसूरपुर, एतवारपुर उप जिला अधिकारी राजेन्द्र कुमार ने बताया की सात राहत केंद्र खोले गये हैं। जिसमे लेखपाल की ड्यूटी लगायी गयी हैं। जो बाढ़ पर नजर रख रहे है ।
तहसीलदार दिलीप कुमार ने बताया कि बीघापुर तहसील क्षेत्र में छह बाढ़ राहत केंद्र (चौकियां ) बक्सर, चिलौली , जयराजमऊ , गिरिजा नगर, डौंडिया खेउ़ा एवं गंगा पार के गांवो के लिये फतेहपुर के शिवराज पुर में राहत केंद्र खोले गये हैं। जिसमे कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी हैं ।
पशु चिकित्साधिकारियों ने नहीं ली सुध
संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर गंगातटवर्ती गांवों के ग्रामीणों से बात करने ओर जागरूक करने का आदेश जारी किया गया लेकिन पशु चिकित्साधिकारियों में इस आदेश का कोई असर नजर नहीं आया। ग्रामीणों की मानी जाए तो जल भराव के कारण पशु बीमार हो रहे हैं और पशु चिकित्सक खोजे नहीं मिल रहे हैं। सीवीओ पीके सिंह ने कहा स्वयं निरीक्षण करूंगा। जबकि, चर्चा है कि कई पशु चिकित्सक तो स्लाटर हाउसों की परिक्रमा तक सीमित हैं।