संस्थान पर मेहरबान हुई पालिका, नहीं लिया स्टांप शुल्क

जागरण संवाददाता उन्नाव सामुदायिक और पिक शौचालय बनाने वाली संस्था पर नगर पालिका प्रशासन क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:02 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:02 PM (IST)
संस्थान पर मेहरबान हुई पालिका, नहीं लिया स्टांप शुल्क
संस्थान पर मेहरबान हुई पालिका, नहीं लिया स्टांप शुल्क

जागरण संवाददाता, उन्नाव : सामुदायिक और पिक शौचालय बनाने वाली संस्था पर नगर पालिका प्रशासन कुछ इस कदर मेहरबान हुआ कि नियमों को एक नहीं बल्कि हर जगह तोड़ने से भी कोई गुरेज नहीं किया। शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन से कराया गया। इसके बाद जब उसका संचालन करने की बारी आई तो उसे अनुबंध पत्र में पीपीपी माडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) यानी सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत होना दिखाया गया। जबकि निर्माण में अनुबंध करने वाली संस्था का एक धेला नहीं लगा, बल्कि नगर पालिका ने उसे सारे काम का अग्रिम भुगतान कर दिया। इतना ही नहीं अनुबंध के लिए आवश्यक स्टाप शुल्क की चोरी भी की गई।

उन्नाव-रायबरेली मार्ग स्थित जिला अस्पताल परिसर के बाहरी भाग में बने 16 सीट वाले सामुदायिक व पिक शौचालय के निर्माण में होने वाला खेल यहीं नहीं थमा, बल्कि मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन की कार्ययोजना पर तैयार शौचालय को ही सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड के सीआरए फंड से तैयार होना दिखाया गया। जब शौचालय तैयार हो गये तो उनके संचालन के लिए अग्रिम धन लेकर निर्माण कराने वाली संस्था मलिन बस्ती विकास संस्थान को ही संचालन की जिम्मेदारी दी।

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निर्माण सरकारी मद से और संचालन पीपीपी माडल पर

सामुदायिक व पिक शौचालय का संचालन के लिए पीपीपी माडल पर मलिन बस्ती विकास संस्थान को ही जिम्मेदारी गई। जबकि पीपीपी माडल पर उस संस्थान को निर्माण कराने का दायित्व निभाना पड़ता है। मलिन बस्ती विकास संस्थान ने इन शौचालय के निर्माण में एक धेला नहीं खर्च किया, उलटे निर्माण शुरू करने से पहले ही नगर पालिका से 19 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान अपने पक्ष में कराने के बाद ही निर्माण शुरू किया था।

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स्टांप शुल्क लिए बिना कर दिया अनुबंध

इसके बाद भी संस्था को पे एंड यूज व माहवार वसूली का अधिकार सौंप दिया। वह भी बिना नियमत: स्टाप शुल्क अदा करे। बल्कि नगर पालिका प्रशासन ने संस्था को मात्र सौ रुपये के स्टाप पर ही अनुबंध कर दिया। जबकि ऐसे कार्यों में स्टांप शुल्क लिया जाना अनिवार्य है। ऐसे में पालिका ने संस्था को लाभ देने के लिए सरकार के राजस्व को भी चूना लगाया।

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नहीं ली गई कोई धरोहर धनराशि

नगर पालिका ने शौचालय संचालन करने वाली संस्था को हर कदम पर रियायत दी। अग्रिम भुगतान, स्टांप शुल्क में छूट ही नहीं बल्कि निर्माण के लिए जारी होने वाले कार्यादेश के समय जमा होने वाली स्वीकृत कार्य की 10 फीसद धनराशि के बतौर धरोहर जमा की जाती है। उससे भी संस्था को पहले दो भुगतान में मुक्त रखा गया, और तीसरे भुगतान के समय वह 10 फीसद धनराशि काटी गई। -------

इतना हो चुका है भुगतान

नगर पालिका से सामुदायिक शौचालय निर्माण कराने के लिए मलिन बस्ती विकास संस्थान को 38 लाख रुपये के कार्यादेश के सापेक्ष 13 नवंबर 2018 को 18.43 लाख रुपये, 20 जुलाई 2019 को 10.82 लाख रुपये फिर 14 नवंबर को 11.80 लाख रुपये कुल 41.05 रुपये का भुगतान अलग अलग मदों से भुगतान बिना टेंडर के कर दिया गया।

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पत्रावली में स्थान में भी किया गया भ्रमित

अचलगंज तिराहा गांधी से जिला अस्पताल के बीच दो ही सामुदायिक व पिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। लेकिन जो माप पुस्तिकाएं तैयार हुई हैं उनमें सीयूजीएल को भेज गये पत्र में रायबरेली तिराहा पर शौचालय निर्माण दर्शाया, नगर पालिका के कार्यादेश में जिला अस्पताल उन्नाव के समीप मुख्य द्वार के पास पिक शौचालय व अचलगंज तिराहे के निकट मुख्य चिकित्सा अधीक्षक उन्नाव के आवास के पास सार्वजनिक शौचालय निर्माण का कार्यादेश दिखाया गया है। इतना ही नहीं नगर पालिका परिषद में प्रस्तुत बिलों में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण रायबरेली तिराहा व पिक शौचालय का निर्माण जिला अस्पताल में दर्शाया गया है।

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