जिस हनक के आगे सरकार भी झुकी, काम न आई

विधायक के दबदबा ओर रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार में रहते हुए उन्होंने सरकार के मुखिया का फरमान दरकिनार कर दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Dec 2019 12:24 AM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 06:09 AM (IST)
जिस हनक के आगे सरकार भी झुकी, काम न आई
जिस हनक के आगे सरकार भी झुकी, काम न आई

- सपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ पत्नी को लड़ाया था जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव

- पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद भी मुख्यमंत्री की ओर से मिल गई थी हरी झंडी

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जागरण संवाददाता, उन्नाव :

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दबदबे और रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सपा में रहते हुए उसने मुखिया के फरमान दरकिनार कर पार्टी के घोषित प्रत्याशी के खिलाफ पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया। सरकार के तमाम दबाव के बाद भी नामांकन वापस नहीं लिया और पत्नी लाटरी के जरिए चुनाव भी जीत गईं। पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बगावत करने वाले तमाम नेताओं पर सरकार ने कार्रवाई की, मगर कुलदीप के दबदबे के आगे खामोश रही। इस बार उसकी हनक काम नहीं आई। दुष्कर्म मामले में वह कानूनी शिकंजे में कसता गया।

वर्ष 2016 में कुलदीप सेंगर सपा से विधायक था। सपा हाईकमान ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए ज्योति रावत को प्रत्याशी बनाया। तब कुलदीप ने बगावत कर पत्नी संगीता सेंगर को अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाया। तमाम प्रयासों के बाद भी सरकार को झुकना पड़ा और पार्टी हाईकमान भी उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा सका। उसने जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर पत्नी को जीत भी दिलाई। इसके बाद 2017 के चुनाव में वह भाजपा में आ गया और बांगरमऊ से विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराई।

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