शासन ने तीन प्रारूप में कंपोजिट ग्रांट का मांगा हिसाब

जागरण संवाददाता उन्नाव जिले में 3137 परिषदीय स्कूलों को मिली कंपोजिट ग्रांट की रकम का बंद

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 05:30 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 06:08 AM (IST)
शासन ने तीन प्रारूप में कंपोजिट ग्रांट का मांगा हिसाब
शासन ने तीन प्रारूप में कंपोजिट ग्रांट का मांगा हिसाब

जागरण संवाददाता, उन्नाव: जिले में 3137 परिषदीय स्कूलों को मिली कंपोजिट ग्रांट की रकम का बंदरबांट करने के मामले में शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। इस प्रकरण में तत्कालीन डीएम व बीएसए के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद विशेष सचिव ने बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय से 20 अगस्त तक हर एक ब्लाक से रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। टीम में बिछिया व फतेहपुर चौरासी और सिकंदपुर सरोसी के खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) हैं।

सत्र 2018-19 में करीब दस करोड़ रुपये की कंपोजिट ग्रांट को स्कूलों में लगाने की बजाए जिम्मेदारों ने चांदी काटी थी। मंडलायुक्त लखनऊ की जांच रिपोर्ट में जिलाधिकारी उन्नाव देवेंद्र कुमार पांडेय प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए थे। जिसपर उन्हें निलंबित कर दिया गया। अनियमितता पर तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा व सामग्री सप्लायर जौनपुर के ओलैंडगंज की मां वैष्णवी एजेंसी के खिलाफ कोतवाली सदर में मुकदमा दर्ज कराया गया। बीके शर्मा के निलंबित होने के बाद प्रदीप कुमार पांडेय को जिले का नया बीएसए बनाया गया। यहां स्वच्छता, चिकित्सा, स्टेशनरी, बिजली उपकरणों सहित अन्य 17 कार्यो पर खर्च रकम का सत्यापन ईओडब्ल्यू कर रही है। इस बाबत निलंबित डीएम व बीएसए से पूछताछ हो चुकी है। जांच को गतिमान रखते हुए शासन ने तीन प्रारूप में ब्लाकवार स्कूलों से रिपोर्ट मांगी है। विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रदीप कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम को यह जिम्मेदारी सौंपी है। ग्रांट का ब्योरा जुटाने का कार्य बीईओ बिछिया ब्लाक सुरेंद्र कुमार मौर्या के साथ आशीष चौहान व शैलेंद्र वर्मा कर रहे हैं। तीनों बीईओ से 20 अगस्त तक शासन से जारी प्रारूप पर आख्या मांगी गई है।

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इन बिंदुओं पर जुटानी है जानकारी

- विकासखंड व स्कूल का नाम। कंपोजिट ग्रांट मद में प्राप्त धनराशि, फर्म का नाम-पता। पंजीकरण संख्या व वर्ष, क्रय की गई सामग्री व विवरण। सामग्रियों के सापेक्ष किया गया भुगतान।

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