इस्तीफा वापस, सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों ने संभाला पदभार
जागरण संवाददाता उन्नाव प्रशासनिक अधिकारियों पर मानसिक और आर्थिक शोषण का आरोप लगा इ
जागरण संवाददाता, उन्नाव : प्रशासनिक अधिकारियों पर मानसिक और आर्थिक शोषण का आरोप लगा इस्तीफा देने वाले प्रभारी चिकित्साधिकारियों की गुरुवार को सीएमओ और डीएम से अलग-अलग वार्ता हुई। जिसमें उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया गया। कोविड कमांड कंट्रोल रूम भेजे गए प्रभारियों को वापस किए जाने का आदेश निर्गत करने का निर्णय लिया। दोनों अफसरों की वार्ता के बाद डॉक्टरों ने इस्तीफा वापस से पूर्व की तरह प्रभारी पद पर काम करने को तैयार हो गए।
बुधवार को जिले की सभी 16 ब्लाक स्तरीय सीएचसी-पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने प्रशासनिक और विभागीय अफसरों द्वारा बिना वास्तविक कारण जाने कार्रवाई कर आर्थिक और मानसिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए सामूहिक रूप से प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। कोरोना कॉल में प्रभारी चिकित्साधिकारियों द्वारा पद से त्यागपत्र देने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई थी। रात से ही प्रशासनिक अधिकारियों ने त्यागपत्र देने वाले डॉक्टरों से संपर्क साधना शुरू कर दिया। देर रात उन्हें गुरुवार सुबह वार्ता के लिए राजी कर लिया।
गुरुवार को त्यागपत्र देने वाले चिकित्साधिकारियों के साथ सीएमओ ने अपने कार्यालय में बैठक की। बैठक में शामिल कई चिकित्साधिकारियों ने बताया कि प्रशासन के दबाव पर की जा रही वेतन रोकने, हटाने जैसी कार्यवाही प्रमुख मुद्दा रहा। इसके साथ ही कोरोना कॉल में वर्कलोड बढ़ने के बाद भी विभाग द्वारा सहयोग न करने, विभिन्न कार्यो का भुगतान न होने जैसी समस्याओं के साथ ही फतेहपुर चौरासी सीएचसी के कार्यकारी प्रभारी डॉ. एसपी सिंह और असोहा सीएचसी के प्रभारी डॉ. वीपी सिंह को वहां से हटाकर कोविड कमांड कंट्रोल रूम में भेजने की कार्रवाई पर रोष जताया गया। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार ने उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। लेकिन प्रभारी चिकित्साधिकारी डीएम से बात करने पर अड़े रहे। इससे सीएमओ उन्हें लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे। प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने डीएम रवींद्र कुमार को अपनी समस्या बताई। डीएम ने उनकी सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। डीएम रवींद्र कुमार ने चिकित्साधिकारियों से कहा कि किसी तरह का प्रशासनिक अफसर दबाव बनाएं या बेजा कार्रवाई करें तो मुझे जानकारी दें। डीएम से वार्ता में पीएमएस के मंत्री डॉ. संजीव सिंह, डॉ. राकेश सिंह, डॉ. ब्रजेश, डॉ. मुकेश, डॉ. वीपी सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. पंकज पांडेय बीघापुर, डॉ. आरके वर्मा, डॉ. शरद वैश्य, डॉ. आशुतोष, विजय रजौरा, डॉ. दिनेश आदि प्रभारी चिकित्साधिकारी मौजूद रहे।
प्रभारियों के न रहने से स्वास्थ्य कर्मियों की रही मनमानी
वैसे तो पीएचसी-सीएचसी पर इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं चालू रहीं लेकिन प्रभारी चिकित्साधिकारियों के न होने से स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी रही। कहीं कहीं तो मरीजों को इमरजेंसी में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतीक्षा करनी पड़ी।
गंजमुरादाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी व पीएमएस के मंत्री डॉ. संजीव कुमार ने बताया है कि मार्च 2020 से लगातार मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है। जिला स्तर से निगरानी समिति में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बाहर रखा गया है जो कि मुख्य भूमिका में होती हैं जिससे समितियों को सक्रिय करने में परेशानी आ रही है। डॉक्टरों पर दबाव बनाने के लिए नियम विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। अब इस प्रकार कैसे कार्य किया जाए इसलिए प्रभारी के पद से इस्तीफा दिया था अब समस्या का समाधान हो गया है इससे इस्तीफा वापस ले लिया गया है।