बढ़ी बंदी तो चढ़ने लगे फल-सब्जियों के भाव

जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना चेन तोड़ने के लिए शासन बाजार बंदी की घोषणा एक साथ न कर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:32 PM (IST)
बढ़ी बंदी तो चढ़ने लगे फल-सब्जियों के भाव
बढ़ी बंदी तो चढ़ने लगे फल-सब्जियों के भाव

जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना चेन तोड़ने के लिए शासन बाजार बंदी की घोषणा एक साथ न कर धीरे धीरे अवधि बढ़ा रहा है। इससे लोगों में जरूरत के सामान व कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अच्छे खानपान और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने का संदेश ने बाजार में फल सब्जियों के भाव भी चढ़ा दिये हैं। वर्तमान में यदि देखा जाये तो मौसमी फल सभी के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। अंगूर तो एक माह में दोगुनी कीमत पर पहुंच गया है। वहीं सेब, संतरा के दाम फिलहाल आम आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सब्जी की कीमतें भी इसी तहर से चढ़ रही हैं।

इन दिनों रमजान चल रहे हैं। कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए इम्युनिटी पावर मजबूत होनी चाहिए। जो अच्छे खानपान और नियमित संयमित दिनचर्या से ही संभव है। खानपान की बात हो तो फल और सब्जियां बहुत जरूरी हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में फल सब्जियों के दाम आसमान में पहुंच चुके हैं। सेब, अंगूर, संतरा, केला, अनार आदि सभी फलों के दाम फिलहाल आसमान छू रहे हैं। इसमें सबसे अधिक महंगाई सेब और अंगूर पर आई हैं। अंगूर के भाव तो बीते एक माह में दो गुने तक पहुंच गये हैं। जबकि सेब में 50 रुपये प्रति किलो तक वृद्धि हुई हैं। तेजी के साथ बढ़ते फलों के दाम, इन्हें गरीबों की पहुंच से दूर करते जा रहे हैं। आढ़ती नौशाद का कहना है कि फलों की मांग अधिक है और आमद कम, ऐसे में दाम बढ़ना स्वाभाविक है। वहीं फुटकर विक्रेता राकेश का कहना है कि बाजार में फल आ ही नहीं रहा है। दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में फुटकर बिक्री तो महंगी होगी ही।

दूसरी तरफ फलों में हुई तेज वृद्धि को लेकर शहर के पीतांबर नगर निवासी सुनील कुमार कहते हैं, वैसे भी लॉकडाउन के कारण काम धंधा सब चौपट पड़ा है। दूसरी फलों आदि पर इतनी अधिक महंगाई आयी है कि सामान्य आदि के लिए उनका लाभ पा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है। इसी तरह से आवास विकास कॉलोनी निवासी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि फलों में यदि तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, खीरा को छोड़ दिया जाये तो कोई भी फल सामान्य व्यक्ति की पहुंच में है ही नहीं। सेब, अंगूर, संतरा, अनार, केला का भाव सुनकर ही पसीना छूट जाता है। खाने और खिलाने की बात बहुत दूर हो गई है। कारण कुछ भी क्यों न हो लेकिन एक बाद साफ है जिस वक्त लोगों को फल सब्जी की आवश्यकता थी उसी वक्त बढ़ी कीमतों ने उन्हें उनसे दूर कर दिया।

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साप्ताहिक बंदी ने बढ़ाई दालों की कीमत

जिले में चल रही साप्ताहिक बंदी से कोरोना संक्रमण फैलने में भले ही बंदिश लग रही हो, लेकिन इस बंदी के कारण दाल की कीमतों में इजाफा हो गया है। अरहर से लेकर अन्य सभी दालों में 10 से 20 रुपये तक की बढ़ोतरी प्रति किलो की गई है। फुटकर दुकानदारों का कहना है हमको थोक विक्रेताओं से ही बढ़ी हुई कीमत पर दाल मिल रही है। दुकानदार नीरज, अशोक, इंदल आदि ने बताया कि अरहर की दाल जो पहले 70 से 90 रुपये के बीच में थी। जो अब 90 से 110 तक पहुंच गई है। इसी प्रकार चने की दाल में भी 20 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। बढ़ोतरी से मसूर की दाल उड़द व मूंग आदि में भी दामों बढ़े हैं।

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फलों के दाम फल-----एक माह पहले -वर्तमान में

सेब------170-200 रुपये किलो--------220 से 250 रुपये किलो

केला-------30 से 40 रुपये दर्जन------40 से 60 रुपये दर्जन

अंगूर------50 से 60 रुपये किलो------120 से 140 रुपये किलो

अनार-----130 से 150 रुपये किलो---120 से 150 रुपये किलो

संतरा-----110 से 120 रुपये किलो---140 से 160 रुपये किलो

आम------60 से 70 रुपये किलो---------70 से 80 रुपये किलो

खीरा व ककड़ी-----10 रुपये के दो -----10 रुपये का दो

खरबूजा----25 रुपये किलो---------------30 से 40 रुपये किलो

तरबूज---- 20 रुपये किलो---------------30 से 40 रुपये किलो

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सब्जियों के दाम वर्तमान में

आलू -16 रुपये किलो

प्याज- 20 रुपये किलो

तरोई- 20 रुपये किलो

भिडी -20 रुपये किलो

लौकी - 20 रुपये किलो

लहसुन-100 रुपये किलो

कद्दू - 15 रुपये किलो

नींबू -5 रुपये पीस या 55 रुपये दर्जन

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दालों के भाव फुटकर दुकानों पर एक नजर में

अरहर -110 रुपये प्रति किलो

उरद - 150 रुपये प्रति किलो

मूंग- 100 रुपये प्रति किलो

चना- 75 रुपये प्रति किलो

मसूर- 90 रुपये प्रति किलो

छोला 110 रुपये प्रति किलो

राजमा- 100 रुपये प्रति किलो

राजमा- 100 रुपये प्रति किलो

राजमा काला 19 रुपये प्रति किलो

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