निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने से जिला अस्पताल में भीड़

जागरण संवाददाता उन्नाव केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को शल्य चिकित्सा का अधिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Dec 2020 06:18 PM (IST) Updated:Fri, 11 Dec 2020 06:18 PM (IST)
निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने से जिला अस्पताल में भीड़
निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने से जिला अस्पताल में भीड़

जागरण संवाददाता, उन्नाव : केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को शल्य चिकित्सा का अधिकार दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं ठप कर विरोध दर्ज कराया। निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद होने से कई मरीजों को भटकना पड़ा। हड़ताल के चलते जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई। सीएमएस ने बताया कि प्रतिदिन की आपेक्षा लगभग तीन सौ मरीज बढ़े हैं।

शुक्रवार को केंद्रीय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर एसोसिएशन की उन्नाव शाखा ने भी ओपीडी सेवाएं बंद कर विरोध दर्ज कराया। एसोसिएशन से संबद्ध चिकित्सकों की क्लीनिकों और निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं ठप रहीं। मरीज ओपीडी बंद देख लौटते रहे। वहीं कुछ अस्पतालों में आकस्मिक सेवाओं के नाम पर ओपीडी के मरीज भी देखे गए। उनमें कुछ जिला अस्पताल के आसपास वाले अस्पताल थे। आइएमए की बैठक में आइएमए जिलाध्यक्ष डॉ एसपी सिंह ने कहा कि आधुनिक शल्य चिकित्सा एक जटिल विषय है, जिसमें एक लंबे समय के प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होती है। इसलिए आइएमए स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक शिक्षा के संशोधन नियमों की अधिसूचना को वापस लेने की मांग करती है। सचिव डॉ. नितिन चौधरी ने बताया कि आगे भी केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी निर्देशों का पूर्णत्या पालन करते हुए अधिसूचना के विरोध में हड़ताल की जाएगी। बैठक में पूर्व अध्यक्ष डॉ राजीव खरे, पूर्व सचिव डॉ अखिलेश सिंह, उपाध्यक्ष डॉ बीके सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ एसके.वर्मा, डॉ आशीष श्रीवास्तव आदि चिकित्सक शामिल रहे।

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डीएम ने पहले ही जारी कर दिया था अलर्ट

- आएएमए द्वारा हड़ताल की घोषणा को देखते हुए मरीजों को असुविधा से बचाने के लिए डीएम रवींद्र कुमार ने सीएमओ को निर्देश जारी किया था कि सभी अस्पतालों में डॉक्टर शाम तक मौजूद रहें। डीएम के निर्देश पर कार्यकारी सीएमओ डॉ. तन्मय कक्कड़ ने जिला महिला व पुरुष अस्पताल के सीएमएस और सभी अस्पतालों के चिकित्साधीक्षकों को डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा था। इससे सभी चिकित्सक मौजूद रहे।

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