गंगा किनारे अंतिम संस्कार में शव जलाने पर जोर, दफनाने पर निगाह
जागरण संवाददाता उन्नाव बक्सर रौतापुर परियर गंगा घाटों के किनारे और दोआबा में दफ
जागरण संवाददाता, उन्नाव : बक्सर, रौतापुर, परियर गंगा घाटों के किनारे और दोआबा में दफनाए गए सैकड़ों शवों का मामला प्रशासन के गले की फांस बन गया है। गुरुवार पूरे दिन प्रशासनिक अफसरों ने गंगा रेती की खाक छानी। पड़ोसी जिलों की सीमा में शव दफन होने का हवाला देकर पल्ला भी झाड़ा। अब अंतिम संस्कार में शव जलाने पर जोर देने का फरमान सुनाया गया है। साथ ही दफनाते समय निगाह रखी जाएगी, जिससे कोई शव ऊपर नहीं आ सके। अंतिम संस्कार कराने वाले पंडों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही गरीब परिवारों को दिक्कत होने पर लकड़ी भी उपलब्ध कराई जाएगी। उधर, रेती में दफनाए गए शवों को फिर से ढकने की कवायद पूरे दिन चलती रही।
कोरोना महामारी के बीच लोगों की मौतों के ग्राफ की हकीकत बयां कर रहे जिले के कच्चे घाटों पर दफनाए गए शवों का मामला बुधवार को चर्चा में आया था। गुरुवार सुबह से ही राजस्व कर्मियों के साथ पुलिस हरकत में आ गई। सबसे पहले बक्सर घाट के पास सुबह करीब छह बजे से दफनाने के बाद दिख रहे शवों पर रेती डाली गई। दोआबा में दफनाए गए करीब 175 शवों की पहचान बता रहे कफन और रामनामी हटवाकर दूसरे स्थानों पर जलाए गए। इसके साथ जिले के सभी अनियोजित कच्चे घाटों पर भी यही काम किया गया। एसडीएम दया शंकर पाठक और सीओ केएस कनौजिया ने तट के दूसरे छोर पर पड़ोसी जिलों की सीमा बताकर पल्ला झाड़ने का पूरा प्रयास किया।
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डीएम का आदेश, शव दफनाएं नहीं जलाएं
वहीं, डीएम रवींद्र कुमार ने प्रदूषण का हवाला देते हुए गंगा तटों के किनारे शवों को दफनाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करते हुए इसका पालन कराने की जिम्मेदारी सभी एसडीएम को सौंप दी है। इसके बाद बक्सर घाट पर मौजूद एसडीएम व सीओ ने लोगों से अपील की कि वह शवों को दफन न करें, बल्कि धार्मिक रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार जलाकर करें। पंडों से कहा कि शव दफन करने वाले लोगों को रोकें और न मानने पर पुलिस को सूचना दें। साथ ही लोगों को इसके लिए जागरूक करें। यदि किसी की परंपरा है तो दफनाने में गहराई का ख्याल रखें। डीएम ने कहा कि गरीब परिवार के पास पैसे नहीं होने पर लकड़ी प्रशासन उपलब्ध कराएगा।
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जागरूकता के लिए लगाए जाएंगे साइन बोर्ड
घाटों पर शवों को दफन नहीं करने को लेकर घाटों पर जागरूकता के साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इन पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के नंबर भी दर्ज होंगे। इससे नियमों की अवहेलना करने वालों को रोका जा सकेगा।
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पुलिस और लेखपालों की टीम लगाई
डीएम ने गंगा तट, जहां पर अंतिम संस्कार हो रहे हैं, वहां क्षेत्रीय थाने के पुलिस जवान और लेखपालों को भी निगरानी के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। इससे लोगों की मदद होगी और कोई भी गंगा के किनारे शव दफन नहीं कर सकेगा।
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सीमा विवाद, अधिकारी करते रहे चिह्नांकन
उन्नाव डीएम के निर्देश पर एसडीएम बीघापुर दयाशंकर पाठक, फतेहपुर की तरफ से एसडीएम बिंदकी प्रियंका अपने राजस्व विभाग के अधिकारियों व पुलिस बल के साथ सीमा विवाद की लकीर पीटते रहे। एसडीएम बिदकी ने नक्शे की मदद से शव दफनाए गए स्थान का चिह्नांकन किया।
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