ऑक्सीजन की बढ़ी डिमांड, खुले बाजार में मनमाने रेट

जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही मरीजों की संख्या तेजी से बढ़

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 11:48 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 12:16 AM (IST)
ऑक्सीजन की बढ़ी डिमांड, खुले बाजार में मनमाने रेट
ऑक्सीजन की बढ़ी डिमांड, खुले बाजार में मनमाने रेट

जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना के बदले स्ट्रेन में अधिकांश को फेफड़ों के संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है। इससे हॉस्पिटल से लेकर होमआइसोलेशन तक के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इससे मांग और खपत दोनों ही बढ़ी हैं जिससे धीरे-धीरे ऑक्सीजन का संकट बढ़ता जा रहा है। होमआइसोलेट कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन सिलिडर जुटाने के लिए मनमानी कीमत अदा करनी पड़ रही है। विक्रेता ऑक्सीजन सिलिडर न दे पाने का जवाब दे देते हैं। मरीज की जान बचाने को परेशान लोग सौदेबाजी कर किसी कीमत पर सिलिडर लेने को तैयार हो जाते हैं। जाहिरा तौर पर तो दुकानदार सिलिडर नहीं होने का ही जवाब देते हैं। जो जरूरत मंद उनकी कसौटी पर खरे उतरते हैं उन्हें ही सिलिडर मिल पा रहा है। दरअसल होम आइसोलेट मरीजों को डॉक्टर जो दवा की सूची देते हैं उसमें ऑक्सीमीटर और इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन सिलिडर का प्रबंध रखने को कहा गया है। जो दो लीटर वाला सिलिडर 250 तक मिलता था वह अब छह से सात सौ में मिल रहा है। जंबो सिलिडर 450 से 550 रुपया तक में मिलते थे उनके 1300-1400 तक लिए जा रहे हैं।

एक नजर में उपलब्धता व खर्च

कोविड एल-टू हॉस्पिटल सरस्वती मेडिकल कॉलेज ..

बेड क्षमता 300

भर्ती मरीज 165

ऑक्सीजन सिलिडर 100 जंबो व 70 छोटे सिलिडर

-औसतन प्रतिदिन खपत 70-72 सिलिडर

-उपलब्ध भरे सिलिडर 90 प्रबंधक मनोज सिसौदिया ने बताया प्रतिदिन 80-90 सिलिडर लखनऊ प्लांट से भरवाए जाते हैं। सिलिडर लेने में प्लांट पर 10-15 घंटे लगता है। प्रतिदिन सुबह मंगवाए जाते हैं। देर रात सिलिडर लेकर गाड़ी आती है।

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सीएचसी-पीएचसी में ऑक्सीजन सिलिडर किए रिजर्व

हर सीएचसी में 10 (बड़े) जंबो और 20 छोटे सिलिडर हैं। हर पीएचसी में 25 छोटे सिलिडर हैं। (प्रतिदिन सप्लायर खाली सिलिडर लेकर भरे दे रहे हैं। अस्पताल अधीक्षकों का कहना है कि सीएचसी पर औसतन तीन और पीएचसी पर एक सिलिडर का खर्च है। इमरजेंसी में ही ऑक्सीजन का प्रयोग होता है।

ट्रामा व जिला अस्पताल में भी सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम नहीं

जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर में मिलाकर 32 जंबो, सिलिडर व 20 छोटे सिलिडर हैं। यहां 15 जंबो और सात छोटे सिलिडर खाली हैं। सीएमएस डॉ. बीबी भट्ट ने बताया अब सप्लाई आर्डर के तीसरे दिन मिल रही पहले दूसरे दिन मिलती थी।

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प्लांट से नहीं मिल रहे सिलिडर

जिले में पांच अधिकृत ऑक्सीजन सिलिडर विक्रेता हैं। जिनमें पांच शहर और दो शहर के बाहर हैं। सभी में सिलिडर की कमी है। विक्रेताओं का कहना है कि लखनऊ व कानपुर प्लांट से सप्लाई मिलती है। अब वहां पहले कोविड हॉस्पिटल को सप्लाई दी जाती है उसके बाद हम लोगों को मिलता है। उन्होंने बताया बाद एक दिन में 15 से अधिक सिलिडर नहीं मिलते हैं। कोविड के कारण डिमांड बढ़ी है।

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जिले में अभी आक्सीजन की कमी नहीं है। फिर भी इमरजेंसी के लिए जिले 95 नर्सिंग होम में दो-दो भरे जंबो ऑक्सीजन सिलिडर आरक्षित करा दिए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।

रवींद्र कुमार, डीएम, उन्नाव

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