उन्नाव में बजट हो रहा साफ और नहर जस की तस

जागरण टीम उन्नाव सिचाई विभाग में नहर सफाई के नाम पर इस वित्तीय वर्ष 2.64 करोड़ रुपये ख

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 11:48 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 12:15 AM (IST)
उन्नाव में बजट हो रहा साफ और नहर जस की तस
उन्नाव में बजट हो रहा साफ और नहर जस की तस

जागरण टीम, उन्नाव : सिचाई विभाग में नहर सफाई के नाम पर इस वित्तीय वर्ष 2.64 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। कुल 39 कामों के बीच रजबहा व माइनर मिलाकर लगभग 1500 किमी नहर जनपद में साफ होनी। पहले टेंडर प्रक्रिया में लेटलतीफी अब सफाई में गड़बड़ी व ठेकेदारों का खेल शुरू हो गया है। ठेकेदार उन रजबहों व माइनरों की सफाई में खेल कर रहे हैं। जो मुख्य मार्ग से दूर हैं। वहीं मुख्य मार्ग पर भी वहां तक नहर गंभीरता से साफ की जा रही है। जहां तक आसानी से देखा जा सके। जबकि, आगे जाने पर यही नहरें साफ नहीं पाई जा रही हैं।

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कामचलाऊ सफाई के बदले लेंगे खरा बजट

बीघापुर : मगरायर माईनर की एक सप्ताह पूर्व सफाई हुई है। सफाई काम चलाऊ है। जो भी मिट्टी व खर पतवार निकला यूं ही पटरी पर डाल दिया गया है। प्रधान मगरायर गीता दीक्षित ने बताया माइनर सफाई का कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया न ही कोई लेने आया। ओसियां रजबहा माइनर की सफाई अभी शुरू नहीं हुई है।

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किनारे पर सफाई, बीच में झाड़ियां व सिल्ट

फतेहपुर चौरासी : टिकाना, पेसारी, मोहिद्दीपुर माइनर सफाई खानापूरी है। सफाई महज दिखावे के तौर पर की गई। जेसीबी से सफाई हो रही है। प्रधानों ने बताया कि प्रमाण पत्र लेने कोई नहीं आया है।

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पिछले वर्ष साफ किया, इस बार छोड़ दिया

गंजमुरादाबाद: हसनपुर मजरा की अल्पिका सफाई जेसीबी से हुई है। ताजपुर के सामने की पुलिया नहीं साफ कराई जा रही है। कलवारी पुल के पास का माइनर पिछली वर्ष साफ किया गया था। इस बार नहीं। सुशील पुत्र राम गोपाल मह्ममदा बाद निवासी ने बताया कि धान की फसल के समय पानी नहीं पहुंचा था। वहीं नेवादा गांव के सामने नहर की सफाई नहीं हुई।

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दो साल पहले की थी खानापूरी, अब भी भुगत रहे किसान

औरास: शाहपुर, रानी खेड़ा, भुडकुंडी, नरायनपुर, बयारी गांव, सामद आदि माइनरों की झराई जेसीबी से हुई है। सरेहरी टेल से निकला पूराचांद से दिपवल रजबहा में दो वर्ष पहले जेसीबी से झराई कर खानापूर्ति हुई थी। किसान निजी संसाधनों से सिचाई करते हैं। तियर- कुरसठ रजबहा की एक वर्ष से झराई नही हुई है। गांव अरसेना खेड़ा, उटरा डकौली, तियर, सिधूर में सिचाई की समस्या है। वहीं क्षेत्र के कुछ रजबहे व माइनरों की झराई अभी नहीं हुई है।

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- एक्सईएन से पूरा हिसाब लूंगा। बजट के हिसाब से किस काम में कितना खर्चा हुआ, इसके मूल्यांकन के लिए जांच टीम भी बनाऊंगा। बिना प्रधानों के प्रमाण पत्र लिए ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जाएगा।

- डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, सीडीओ

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