ईओडब्ल्यू ने कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच तेज, स्कूलों के अभिलेख

जागरण संवाददाता उन्नाव लॉकडाउन में ढील के साथ कंपोजिट स्कूल ग्रांट घोटाला की जांच मे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:20 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:12 AM (IST)
ईओडब्ल्यू ने कंपोजिट ग्रांट घोटाले 
की जांच तेज, स्कूलों के अभिलेख
ईओडब्ल्यू ने कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच तेज, स्कूलों के अभिलेख

जागरण संवाददाता, उन्नाव : लॉकडाउन में ढील के साथ कंपोजिट स्कूल ग्रांट घोटाला की जांच में तेजी आ गई। ईओडब्ल्यू ने नौ जून को स्कूलों के प्रधान शिक्षकों व प्रबंध समिति के सदस्यों को बुलाया है। जांच अधिकारी प्रकरण संबंधित समस्त अभिलेखों का सत्यापन करेंगे। बीएसए ने सभी बीईओ को निर्देश जारी किया है कि उच्च प्राथमिक विद्यालय सिविल लाइंस नगर क्षेत्र में अभिलेख लेकर शिक्षक पहुंचे।

जिले में 3137 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए मिली करीब दस करोड़ रुपये की कंपोजिट ग्रांट को स्कूलों में लगाने की बजाय अधिकारियों ने बंदरबांट कर लिया। मंडलायुक्त की जांच में तत्कालीन डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया। कंपोजिट ग्रांट में स्वच्छता, चिकित्सा, स्टेशनरी व बिजली उपकरणों सहित अन्य 17 कार्यों पर यह रकम खर्च होनी थी। ग्रांट के दुरुपयोग की शिकायत पर सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक की टीम ने जिले में जांच की और जो आरोप थे वह सिद्ध हुए। अनियमितता पाए जाने पर तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा और सामग्री सप्लायर मां वैष्णवी एजेंसी जौनपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। ग्रांट से स्कूलों को सप्लाई किए गए डस्टबिन, दीवार घड़ी, स्टील का छोटा तसला, स्केच पेन- पेंसिल आदि के लिए चार से पांच गुना कीमत का भुगतान किया गया था। स्कूलों के नाम पर बनाये गए बिल से यह राजफाश हुआ। स्टील के कूड़ेदान की वास्तविक कीमत 400 से 550 रुपये थी, जबकि खरीद 1980 रुपये में की गई। दीवार घड़ी 637 रुपये, स्टील का कटोरा 655 रुपये में खरीदा गया था। बेसिक शिक्षा में हुए घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू ने शुरू की है। प्रकरण को लेकर जांच अधिकारी कमरूल हसन खां ने जौनपुर की फर्म मां वैष्णवी एजेंसी से की गई खरीदारी के अभिलेख संबंधित स्कूलों से मांगा है। बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय के अनुसार विकासखंड प्रकरण को लेकर तीन-तीन स्कूलों के शिक्षक के साथ प्रबंध समिति के सदस्यों को अभिलेख लेकर नगर क्षेत्र उच्च प्राथमिक विद्यालय सिविल लाइंस नौ जून को पहुंचना है। इस बाबत खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है।

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एक नजर में प्रकरण

जिलास्तरीय कमेटी ने कंपोजिट ग्रांट के तहत राज्य परियोजना कार्यालय से जारी कार्यों की सूची को बदल कर कुछ काम काट दिए। शासन ने जो जरूरी बताया, उन्हें हटाकर सामान्य कार्य और वस्तुएं जोड़ दीं। सारे स्कूलों के लिए अधिकतर सामग्री जौनपुर की फर्म मां वैष्णवी एजेंसी से ही बाजार दर से अधिक मूल्य पर खरीदी गई। खरीदी गई वस्तुओं की गुणवत्ता खराब है और जौनपुर की फर्म का जीएसटी में पंजीयन भी नहीं है। 20 सितंबर 2018 सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय से रकम जारी की गई, जो 15 अक्टूबर 2018 को जिले के स्कूलों के खातों में भेज दी गई। उसके बावजूद विलंब करके जिला स्तर से सामग्री खरीद के लिए सूची 23 फरवरी 2019 को जारी की गई।

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