राम सीता जन्म की लीलाओं का उठाया आनंद

संवाद सूत्र मौरावां हिलौली गांव की पारंपरिक रामलीला में दूसरे दिन सोमवार को नारद मोह र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:52 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:52 PM (IST)
राम सीता जन्म की लीलाओं का उठाया आनंद
राम सीता जन्म की लीलाओं का उठाया आनंद

संवाद सूत्र, मौरावां: हिलौली गांव की पारंपरिक रामलीला में दूसरे दिन सोमवार को नारद मोह, रावण दिग्विजय व राम सीता जन्म की लीलाओं का भावपूर्ण मंचन किया गया। इस दौरान दर्शक भावविभोर होकर राम का जयघोष करते रहे।

दूसरे दिन की लीला में ब्रह्मा के पुत्र देवर्षि नारद हिमालय पर्वत पर भगवान विष्णु की घोर तपस्या करते है। तपस्या के प्रभाव से देवराज इंद्र का सिंहासन हिल जाता है। इंद्रासन खोने के डर से इंद्र कामदेव व अप्सराओं को भेजकर नारद की तपस्या भंग करने का असफल प्रयास करते हैं। तपस्या भंग न होने पर कामदेव नारद से क्षमा याचना करते है।तब नारद के मन में कामदेव को जीतने अहंकार पैदा होता है।नारद यह बात ब्रह्मा और शिव जी से बताते है।दोनो देव यह बात विष्णु से न बताने को नारद से कहते है।लेकिन अहं के वशीभूत नारद यह बात विष्णु से भी बता देते है। तब विष्णु नारद का घमंड दूर करने को एक श्रीनगर बनाकर शीलनिधि राजा बनाते है। वह राजा अपनी पुत्री का स्वयंवर रचाते है। नारद नगर में पहुंचकर कन्या का भाग्य देखते है। तो उनके मन में उसे पाने की लालसा जन्म लेती है। विष्णु रूप मांगने पहुंचे नारद का मुंह बंदर का हो जाता है। इससें नाराज नारद विष्णु को श्राप देते है कि जब मृत्युलोक में आप पृथ्वी पर नारी के वियोग में भटकोगे तो यही बंदर आपकी सहायता करेंगे। इसके बाद रावण दिग्विजय, राम सीता जन्म तक की लीला का मंचन का किया गया। संरक्षक अशोक मिश्रा ने बताया स्थानीय कलाकार ही परंपरागत तरीके से लीला में अभिनय करते है। प्रधान प्रतिनिधि महेश चंद्र सोनी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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