बनने से पहले बाट दिए बच्चों के जूते, फर्म को चेतावनी

जागरण संवाददाता उन्नाव परिषदीय स्कूलों के बच्चों को सरकार से मिलने वाली मदद में मानक दर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 05:21 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 05:21 PM (IST)
बनने से पहले बाट दिए बच्चों के जूते, फर्म को चेतावनी
बनने से पहले बाट दिए बच्चों के जूते, फर्म को चेतावनी

जागरण संवाददाता, उन्नाव: परिषदीय स्कूलों के बच्चों को सरकार से मिलने वाली 'मदद' में मानक दरकिनार कर दिए गए। यहां पर जो जूते उनके पैरों के लिए उपलब्ध कराए गए, वह सैंपल से भिन्न हैं। यहां पर आपूर्ति फर्म ने सैंपल में जूते की निर्माण तिथि दिसंबर 2020 दर्शायी है। आपूर्ति में निर्माण तिथि नवंबर 2020 हो गई। जूते का सोल और पिछले हिस्से की पट्टी, लोगो में भी अंतर है। ढेरों खामियों के बावजूद फर्म ने बच्चों के पैरों में जूता पहनाने के लिए जिले में आपूर्ति कर दी। बच्चों के अभिभावकों की शिकायत पर जांचकमेटी ने सैंपल व आपूर्ति किए गए जूतों का मिलान किया तो भिन्नता पकड़ी गई। इस पर फर्म को नोटिस देकर आपूर्ति किए गए जूतों को बदलने के लिए कहा गया है।

शैक्षिक सत्र 2020-21 के तहत परिषदीय स्कूलों के बच्चों को जूता-मोजा मुहैया कराया जा रहा है। जूता पहनाने का कार्य लैंसर फुटवियर इंडिया प्रालि बहादुरगढ़ हरियाणा कर रही है। शासनादेश के तहत फर्म को जिले में करीब साढ़े लाख बच्चों को जूता उपलब्ध कराना है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडेय के अनुसार जूते की उपलब्धता को लेकर निर्धारित फर्म से जूतों के सैंपल व आपूर्ति में मिली भिन्नता के बाबत जवाब मांगा गया है। जैसा कि बांगरमऊ विकासखंड के स्कूलों में वितरित होने वाले जूतों में भिन्नता की शिकायत मिली थी। खंड शिक्षाधिकारी, खंड विकास अधिकारी व ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के जूनियर इंजीनियर की संयुक्त जांच में बच्चों के जूते मानक विहीन पाए गए हैं। कुछ बच्चों के अभिभावकों ने भी शिकायत की। इन बातों को ध्यान में रखते हुए फर्म को चेतावनी देते हुए आपूर्ति किए गए जूतों को बदलने के लिए कहा गया है। यदि लापरवाही बरती गई तो जूतों को लेकर होने वाला भुगतान रोक दिया जाएगा।

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