सजग एसडीएम ने प्रशासन को कराया 1.08 करोड़ रुपये राजस्व का लाभ
जागरण संवाददाता उन्नाव पट्टे की जमीन को बिना परमीशन के बैनामा करवाकर वापस तहसील को देक
जागरण संवाददाता, उन्नाव: पट्टे की जमीन को बिना परमीशन के बैनामा करवाकर वापस तहसील को देकर ग्राम समाज की भूमि हथियाने आए जालसाजों की करतूत एसडीएम हसनगंज प्रदीप कुमार वर्मा ने स्वयं पकड़ ली। जालसाजों ने 0.658 हेक्टेयर जमीन जिसका सर्किल रेट 1.65 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर है। उसके एवज में ग्राम समाज की भूमि हथियाने का प्रयास किया था। एसडीएम की सजगता से यह जमीन अब वापस सरकार की हो चुकी है। इस कार्रवाई के बाद एसडीएम ने बताया कि संबंधित जमीन की मालियत 10807500 रुपये आंकी गई है और यह राजस्व अब प्रशासन का है।
मामला हसनगंज तहसील का है। जहां न्यायालय उपजिलाधिकारी में वाद संख्या 03196/2020 और कंम्प्यूटरीकृत वाद संख्या ञ्ज202010690403196 की दीपू बनाम ग्राम सभा की फाइल एसडीएम के सामने आई थी। जिसको सही ढंग से पढ़े जाने के बाद एसडीएम ने मामले की असलियत समझ ली। जिसके बाद पूरे प्रकरण के अभिलेख पलटवाये। एसडीएम ने बताया कि संबंधित जमीन जिसका गाटा संख्या 8 मि./0.3410 हेक्टेयर, 762/0.0890 हेक्टेअर, 1109/ 0.0760 हेक्टेयर व 26 ग/ 0.1520 हेक्टेयर ग्राम सभा के ऊसर खाते में निहित करते हुए राजस्व अभिलेखों में अंकन कर दिये जाने का आदेश कर दिया है। एसडीएम वर्मा ने बताया कि संबंधित फाइल देखते ही शक हुआ तो जांच कराई, जिसके बाद पूरा मामला खुल गया। बताया कि यह जमीन 2014 में बिना परमीशन के ही बैनामा करा ली गई थी। जबकि, यह पट्टा एससी को था। जिसका बैनामा भी एससी को ही किया गया। गौरतलब है कि 2016 से पहले यह नियम नहीं था कि एससी की जमीन यदि एससी को बेचा जाये तो परमीशन की जरूरत नही है। ऐसे में यह परमीशन क्यों नहीं ली गई।
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तहसील व निबंधन विभाग का रहा गोलमाल
एसडीएम ने बताया कि 2014 में बैनामें की प्रक्रिया बिना तहसील कर्मियों की मिली भगत के नहीं की जा सकती है। इसके बाद निबंधन विभाग का भी जिम्मेदार इस खेल में सक्रिय रहा होगा। बताया कि पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में दिया है। आगे की कार्रवाई से भी अवगत कराया जायेगा।