निलंबन के बाद सचिव ने निकाले 12 लाख रुपये

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By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 08:12 PM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 08:12 PM (IST)
निलंबन के बाद सचिव ने निकाले 12 लाख रुपये
निलंबन के बाद सचिव ने निकाले 12 लाख रुपये

जागरण संवाददाता, उन्नाव : वित्तीय अनियमितता में निलंबित ग्राम पंचायत सचिव (ग्राम विकास अधिकारी) अपने ऊपर कार्रवाई के बाद भी बाज नहीं आया। निलंबन के बाद भी सरकारी खातों से 12 लाख रुपये निकाल लिए। ये मौका इसलिए मिल गया, क्योंकि उसकी ग्राम पंचायतों के खाते बंद नहीं किए गए थे।

सिकंदरपुर कर्ण विकासखंड की अचलगंज, मवइयामाफी, लखापुर, करर्णीबिजिलामऊ और रिठनई के ग्राम विकास अधिकारी अजीत सिंह को सीडीओ ने चार दिसंबर को निलंबित कर दिया था। उन्होंने मइवयामाफी के निरीक्षण में अतिक्रमण, शौचालय, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र आदि के निर्माण में वित्तीय अनियमितता और विकास कार्यों में गड़बड़ी पाई थी। इसके बाद सचिव ने पांच दिसंबर को अचलगंज ग्राम पंचायत के खाते से 4,15,065, जबकि 13 दिसंबर को 6,42,364 रुपये निकाले। पांच दिसंबर को ही करर्णीबिजिलामऊ ग्राम पंचायत के खाते से 76,000, 14 दिसंबर को लखापुर ग्राम पंचायत से 22,500 रुपये आहरित किए। सात दिसंबर को रिठनई ग्राम पंचायत से 47,000 रुपये निकाले। चार ग्राम पंचायतों के खाते से निकाली गई कुल रकम 12,02,929 रुपये से संबंधित सचिव ने कोई काम नहीं करवाया, न पहले किसी काम का भुगतान किया।

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खंड विकास अधिकारी ने दिया था अनंतिम बहाली की आश्वासन

मामले में निलंबित सचिव खंड विकास अधिकारी के लिए कुछ ज्यादा ही खास रहा। यही कारण रहा कि नियमानुसार निलंबन के बाद न तो उससे डोंगल वापस लिए गए, न ही ग्राम पंचायतों के खाते बंद किए गए। खंड विकास अधिकारी चंद्रशेखर ने निलंबित सचिव को अनंतिम बहाली का आश्वासन दिया था।

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मैंने अनंतिम बहाली का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तो कतई ऐसा नहीं किया जा सकता है। निलंबित सचिव ग्राम पंचायतों से धन आहरित नहीं कर सकता है। कड़ी कार्रवाई होगी।

- चंद्रशेखर, खंड विकास अधिकारी।

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