70 फीसद प्राइवेट डाक्टर व लैब नहीं दे रहे टीबी मरीजों की सूचना
जागरण संवाददाता उन्नाव सभी नर्सिगहोम और पैथोलाजी को टीबी मरीज की सूचना देना अनिवार्य कर
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सभी नर्सिगहोम और पैथोलाजी को टीबी मरीज की सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन, उसके बाद भी इसमें लापरवाही बरती जा रही है। 70 फीसद प्राइवेट डाक्टर, नर्सिगहोम व पैथोलाजी टीबी मरीजों की सूचना नहीं दे रहे हैं। अब इन पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
क्षयरोग अधिकारी डा. हरिनाम ने बताया कि एक अक्टूबर से विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। जहां नोटिफिकेशन के नियमों का उल्लंघन मिलेगा उनको पहले समझाया जाएगा और अगर उसके बाद भी सूचना नहीं दी तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। क्षयरोग (टीबी ) उन्मूलन के लिए भारत सरकार ने 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए अधिक से अधिक टीबी मरीजों की तलाश कराने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। क्षयरोग विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 4200 मरीज डाट्स सेंटर पर टीबी की दवाएं ले रहे हैं। जबकि कई मरीज ऐसे हैं जो अपना इलाज प्राइवेट डाक्टर से करा रहे हैं। प्राइवेट डाक्टर से इलाज व निजी लैब में जांच कराने वाले मरीजों का आंकड़ा दुरुस्त करने लिए सभी को सूचना देने का नियम लागू किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार जिले में 150 ऐसे प्राइवेट डाक्टर हैं जो टीबी मरीजों का उपचार कर रहे हैं। हालाकि इनमें से सिर्फ 35-40 ही सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं। सीएमओ डॉ सत्यप्रकाश ने बताया कि जो डाक्टर सूचनाएं नहीं दे रहे हैं उन्हें रिमाइंडर भेजा जा रहा है। जल्द ही उनके साथ एक वर्कशाप की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार सूचना देने वाले से लेकर इलाज करने वालों तक को प्रोत्साहन राशि भी दे रही है ताकि सही सूचना मिल सके।
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टीबी के प्रमुख लक्षण
- दो सप्ताह या उससे अधिक खांसी आना, भूख न लगना, वजन में कमी, रात में पसीना आना, बलगम के साथ खून आना आदि टीबी के प्रमुख लक्षण हैं।
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- टीबी के लक्षण नजर आते ही बलगम की जांच कराना चाहिए। इसमें देरी करने से बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
- डा. शोभित अग्निहोत्री, चेस्टरोग विशेषज्ञ
प्रभारी टीबी वार्ड