टूटने नहीं दिया 56 साल का तिलिस्म, फिर जीती प्रधानी
संवाद सूत्र बीघापुर मुखिया मुख सो चाहिए खान पान को एक पालई पोषहि सबहि अंग तुलसी सकल विवेक
संवाद सूत्र, बीघापुर: मुखिया मुख सो चाहिए खान पान को एक, पालई पोषहि सबहि अंग तुलसी सकल विवेक, रामचरित मानस में मुखिया को लेकर दिए गए इस उदाहरण को असल जीवन में चरितार्थ करने का फल ब्लाक में एक ग्राम पंचायत में एक परिवार पा रहा है।
परिवार ने एक पंचवर्षीय को छोड़ इस बार भी प्रधानी जीतकर जहां बीते 56 साल का तिलिस्म बरकरार रखा है। वहीं यह पंचवर्षीय भी पाकर प्रधानी का रिकॉर्ड परिवार ने बना लिया है। 2165 दर्ज मतदाताओं की बीघापुर की संबंधित ग्राम पंचायत निवासी 65 वर्षीय आचार्य शीतला पाण्डेय बताते हैं कि घाटमपुर कला के जमींदार परिवार के डॉक्टर राजकिशोर दीक्षित पहली बार 1960 में प्रधान निर्वाचित हुए थे। तब से केवल एक बार वर्ष 2010 से 2015 में एक पंचवर्षीय कार्यकाल में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर इसी परिवार का जेबी व्यक्ति शिवकुमार निर्वाचित हुआ था। नहीं तो इस ग्राम पंचायत में अब तक डॉक्टर राजकिशोर व उनके चचेरे भाई राजेन्द्र प्रसाद दीक्षित, इनकी पत्नी दिनेश्वरी दीक्षित व इनके पुत्र अमरेश दीक्षित ही गांव के प्रधान पद पर निर्वाचित होते चले आ रहे हैं। पुन: अमरेश दीक्षित अपनी मां के बाद एक बार फिर दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं।
जनता के प्रति दायित्व की निष्ठा बना रही
आचार्य शीतला ने कहा कि यह परिवार वास्तव में जमींदार का जो दायित्व गांव की जनता के प्रति होना चाहिए। वह शिद्दत से निभाता चला रहा है। सबको साथ लेकर चलने की भावना की वजह से इसी परिवार को विजय मिलती है।