24 एंबुलेंस रोगी सेवा में लगी, मरीजों की परेशानी बरकरार

जागरण संवाददाता उन्नाव बुधवार को तीसरे दिन भी एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी रही। ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:56 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:56 PM (IST)
24 एंबुलेंस रोगी सेवा में लगी, मरीजों की परेशानी बरकरार
24 एंबुलेंस रोगी सेवा में लगी, मरीजों की परेशानी बरकरार

जागरण संवाददाता, उन्नाव : बुधवार को तीसरे दिन भी एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी रही। हड़ताली कर्मियों से एंबुलेंस की चाबी जमा कराने के बाद एंबुलेंस कर्मियों ने 12 और एंबुलेंस चलाने की सहमति दे दी है। इससे आज 24 एंबुलेंस रोगी सेवा में लगी रही जिससे मरीजों को कुछ राहत मिली है। हालांकि मरीजों की परेशानी कम नहीं हुई समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण मरीजों को टेंपो, निजी वाहनों और ई रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया गया। सबसे अधिक परेशानी प्रसूताओं को उठानी पड़ी। उन्हें जननी ड्राप बैक की सुविधा नहीं दी गई। डिस्चार्ज होने के बाद स्वजन उन्हें निजी वाहनों से घर ले गए।

जिला प्रशासन ने मंगलवार मध्यरात तक हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों से कई चक्र में वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास किया। लेकिन इसके बाद भी एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल समाप्त नहीं हुई। जिले में 108 व 102 की 80 और एएलएम की चार एंबुलेंस हैं। प्रशासन ने जब चालकों से चाबी जमा कराना शुरू किया तो उन्होंने 12 एंबुलेंस प्रशासन को चालक और ईएमटी के साथ सौंप दी। इसके बाद 24 एंबुलेंस रोगी सेवा में लगा दी गई इससे रोगियों को कुछ राहत मिली। उधर स्वास्थ्य कर्मी बुधवार को भी अपनी मांगों को लेकर अस्पताल परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन करते रहे।

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सभी ब्लाकों, हाईवे व मार्गों के प्वाइंट पर हैं एंबुलेंस

डीएम रवींद्र कुमार के निर्देश पर एडीएम राकेश सिंह और नगर मजिस्ट्रेट चंदन पटेल ने रात में ही सभी 16 ब्लाकों पर एक-एक और चार एंबुलेंस विभिन्न मार्गों और चार एंबुलेंस जिला अस्पताल में लगा दी थी। नगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि रोगी सेवा में परेशानी की कोई शिकायत नहीं आई है।

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प्रसूता और गंभीर मरीज को निजी वाहनों से लेकर स्वजन पहुंचे अस्पताल

पुरवा के शीतलगंज निवासी रामगुलाम की अचानक हालत बिगड़ गई स्वजन ने बताया एंबुलेंस काल की तो बताया गया दो घंटे बाद मिलेगी इससे किराए की वैन करके लाए। प्रसव पीड़ा से छटपटा रही अंजू सिकंदरपुर करन, पूनम बीघापुर को प्रसव पीड़ा शुरू एंबुलेंस न मिलने पर स्वजन निजी वाहन से अस्पताल लाए। यह कुछ मामले तो बानगी मात्र हैं बड़ी संख्या में मरीजों को एंबुलेंस न मिलने से अस्पताल पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

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क्षयरोगियों को बाइक से ले गए अस्पताल

एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से बुधवार को क्षय रोग से पीड़ित बुजुर्ग सूर्यपाल को एंबुलेंस नहीं मिली। ऐसे में स्वजन उन्हें बाइक पर बैठाकर औरास अस्पताल पहुंचे।

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काम आई निजी चालकों से एंबुलेंस चलवाने की घुड़की

रोगी सेवा में एंबुलेंस बढ़ाने के लिए प्रशासन ने हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता के साथ ही उन्हें घुड़की भी दी। बुधवार सुबह प्रशासनिक अधिकारियों ने जिला अस्पताल में लगभग 40 प्राइवेट वाहन चलाने वाले चालक बुला लिए। यह देख हड़ताल पर अडिग एंबुलेंस कर्मियों के तेवर नरम पड़ गए और 12 एंबुलेंस बढ़ाने को तैयार हुए।

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एंबुलेंस बढ़ाने के लिए सायं फिर की वार्ता

डीएम रवींद्र कुमार के निर्देश पर एसडीएम सत्यप्रिय सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट चंदन पटेल, एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी व कोतवाली पुलिस बुधवार सायं फिर जिला अस्पताल पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों ने धरने पर बैठे एंबुलेंस कर्मियों से 14 एंबुलेंस और बढ़ाने की वार्ता शुरू की है। शाम 7:30 बजे तक वार्ता चल रही है। हालांकि कर्मी अपनी मांगों के पूरा न होने तक हड़ताल जारी रखने पर अड़े हैं।

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इन मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मी कर रहे हड़ताल

108, 102 और एएलएस कर्मचारियों का समायोजन एनएचएम किया जाए, समान कार्य समान वेतन लागू हो, ठेका प्रथा खत्म की जाए, एंबुलेंस कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित की जाए कोरोना काल में जिन एंबुलेंस कर्मचारियों की मौत हुई है उनके आश्रितों को 50 लाख की आर्थिक मदद की जाए।

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