दीपोत्सव पर रोशन होंगे बंदियों के हाथों से तैयार 10 हजार दीये

अमित मिश्र उन्नाव जिला जेल की सलाखों के पीछे कैद 10 महिला बंदी इन दिनों दीपोत्सव की तैयारी म

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:49 PM (IST)
दीपोत्सव पर रोशन होंगे बंदियों के हाथों से तैयार 10 हजार दीये
दीपोत्सव पर रोशन होंगे बंदियों के हाथों से तैयार 10 हजार दीये

अमित मिश्र, उन्नाव : जिला जेल की सलाखों के पीछे कैद 10 महिला बंदी इन दिनों दीपोत्सव की तैयारी में लगी हैं। यह तैयारी वह न तो अपने लिए कर रहीं हैं और न ही जेल के लिए बल्कि कुछ अंजान लोगों के लिए। जी हां जेल में बंद महिला बंदी इन दिनों 10 हजार डिजाइनर मोम के दीपक बनाने में लगी हैं। जिन्हें दीपावली से पहले बनाकर तैयार करना है। यह तैयार देसी कैंडल बाजार में बिक्री के लिए जायेंगी और इस दीपोत्सव में किसी न किसी के घर में रोशनी फैलाएंगी।

जेल प्रशासन को डीएम रवींद्र कुमार की पहल पर एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत 10 हजार डिजाइनर देसी कैंडल बनाने का आर्डर मिला था। इसके लिए जेल प्रशासन ने महिला बंदियों का चयन किया। इन दिनों जेल में निरुद्ध 41 महिला बंदियों में 10 ने इस कार्य में अपनी रुचि दिखाई। फिलहाल आर्डर के अनुरूप महिला बंदियों ने 50 फीसद से अधिक काम पूरा कर लिया है। शेष को भी अगले एक सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 10 हजार मोम के डिजाइनर दीपक तैयार होने के बाद उनकी वहीं पर पैकिग होगी। इसके बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कोआर्डीनेटर इसे जेल से उठा कर अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उन्हें बाजार में बिक्री के लिए पहुंचा देंगे।

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एक रुपये प्रति दीपक मिलेगा मेहनताना

प्रभारी जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इन मोम के दीपक तैयार करने के एवज में एनआरएलएम द्वारा प्रति पीस एक रुपये का भुगतान जेल प्रशासन को किया जायेगा। इसके बाद जेल प्रशासन महिला बंदियों को उनकी मेहनत के अनुरूप उसका भुगतान करेगा।

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चाइनीज कैंडल को टक्कर देंगे दीपक

मोम के दीपक डिजाइनर होने के साथ-साथ चाइनीज कैंडल को भी टक्कर देंगी। रंग-बिरंगी दीपक नुमा यह कैंडल देसी मोमबत्तियों से अधिक समय तक जलेगी। इन्हें जो डिजाइन दिया गया है वह जलते समय और भी आकर्षक लगेगा।

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उपलब्ध कराई गई सामग्री व डिजाइन

प्रभारी जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि मोम के दीपक तैयार करने से पहले एनआरएलएम के तरफ से मास्टर ट्रेनर द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसके बाद राष्ट्रीय आजीविका मिशन की तरफ से मोम के दीपक तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री और उसकी डिजाइन उपलब्ध कराई गई। उसी डिजाइन के अनुरूप ही महिला बंदी उन्हें निर्धारित मात्रा में तैयार कर रही हैं।

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