अनारक्षित सीटों पर भी मारी बाजी
कुल 45 में 24 ओबीसी व 11 चुने गए अनुसूचित वर्ग के सदस्य। ताल ठोंकते रह गए सामान्य व पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार।
सुलतानपुर : गांव की जनता ने अपनी सरकार बनाने में वोटों का ऐसा जोड़-तोड़ किया कि बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों का चुनावी गणित फेल हो गया। यही वजह है कि नौ अनारक्षित सीटों पर भी आरक्षित वर्ग के प्रत्याशी विजयी हुए। दरअसल, 45 सीटों वाली जिला पंचायत में इस बार 24 ओबीसी 11 अनुसूचित व 10 सामान्य वर्ग के सदस्य चुनकर आए हैं।
अनारक्षित वर्ग की सीट पर सबसे ज्यादा उलटफेर वार्ड 15 में हुआ। यहां के मतदाताओं ने अनुसूचित वर्ग की प्राइमरी तक शिक्षित महिला अनीता को अपनी पहली पसंद माना, जबकि तमाम उच्च शिक्षित सामान्य व पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार ताल ठोंकते रह गए। इसी तरह वार्ड पांच से चंदन यादव, सात से इंद्रेश, नौ से टिल्थु, 16 से ओपी चौधरी, 20 से उदय राज, 30 से मोहम्मद निसार, 43 से लाल बहादुर यादव व वार्ड 45 से मंगेश ने भी अनारक्षित सीटों से लड़कर सफलता अर्जित की है।
इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग से 24 अनुसूचित जाति के 11 व सामान्य वर्ग के दस उम्मीदवार जीत हासिल कर जिला पंचायत के सदस्य बने हैं, जबकि 23 पुरुषों के साथ 22 महिलाएं भी जिले के विकास का खाका खींचती नजर आएंगी।
मंगेश सबसे कम उम्र के सदस्य :
चांदा प्रतिनिधि के अनुसार रजवारे रामपुर गांव के मंगेश के माता-पिता का निधन हो चुका है। उन्होंने रामपुर से इंटरमीडिएट व 2019 में छापर से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की। विद्यार्थी जीवन से ही समाज सेवा से जुड़े रहे। यही कारण है कि महज 22 साल की उम्र में ही क्षेत्रवासियों ने इन्हें जिले की सबसे बड़ी पंचायत में भेज दिया। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूर्व जिला पंचायत सदस्य भीम यादव को 15 सौ मतों से पटकनी दी। इनके भाई मनोज कुमार यादव फौज में हैं। बताया जा रहा है कि मंगेश जिला पंचायत की सदन में सबसे कम उम्र के सदस्य हैं।