छप्पर व दीवार ढहने से दो की मौत, चार जख्मी
पेमापुर निवासी दिलीप कुमार अपने परिवार के साथ छप्पर के नीचे सो रहे थे। रात करीब एक बजे कची दीवार पर छप्पर भरभरा कर गिर पड़ा। दीवार के मलबे के नीचे दिलीप व उनकी पत्नी कमला देवी बेटी कोमल अंशू और महिमा दब गए।
सुलतानपुर : बारिश बंद होने के बाद भी कच्चे मकानों ढहने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मोतिगरपुर के पेमापुर गांव में आवासीय छप्पर गिरने से पूरा परिवार उसके नीचे दब गया। हादसे में मां की मौत हो गई और उसकी पति व तीन बेटियां गंभीर रूप से जख्मी हो गईं। वहीं जयसिंहपुर के बिरैता पाल्हीपुर गांव में दीवार ढहने से उसकी चपेट में आकर एक वृद्ध की मौत हो गई।
शुक्रवार की रात पेमापुर निवासी दिलीप कुमार अपने परिवार के साथ छप्पर के नीचे सो रहे थे। रात करीब एक बजे कच्ची दीवार पर छप्पर भरभरा कर गिर पड़ा। दीवार के मलबे के नीचे दिलीप व उनकी पत्नी कमला देवी, बेटी कोमल, अंशू और महिमा दब गए। आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे पड़ोसियों ने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। ग्राम प्रधान ने आनन-फानन में घायलों को निजी वाहन से जिला अस्पताल पहुंचवाया, जहां चिकित्सकों ने कमला को मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल अंशू, कोमल और महिमा का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे में दिलीप को भी आंशिक चोटें आई हैं। घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। तहसीलदार जयसिंहपुर हरिश्चंद्र, राजस्व निरीक्षक सर्वेश यादव व हल्का लेखपाल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
वहीं मलिकपुर बखरा गांव में गोरसरी के राजेश, हरिराम धुरिया व डब्लू का मकान भी बारिश के चलते गिर गया। वहीं जयसिंहपुर के बिरैता पाल्हीपुर निवासी पुन्नू टांडा-बांदा हाइवे किनारे रखे छप्पर के नीचे लेटे हुए थे। शनिवार की सुबह अचानक कच्ची दीवार समेत छप्पर भरभराकर पुन्नू के ऊपर गिर गया। कड़ी मशक्कत के बाद लोगों मलबे हटाकर उसको बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।