आधुनिक पटरी पर नहीं थम रहा फै्रक्चर का सिलसिला

पटरियों के लिए असहनीय हुआ बढ़ता यातायात।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:27 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:27 PM (IST)
आधुनिक पटरी पर नहीं थम रहा फै्रक्चर का सिलसिला
आधुनिक पटरी पर नहीं थम रहा फै्रक्चर का सिलसिला

सुलतानपुर : करोड़ों रुपये खर्च कर रेलवे ने जिले से गुजरने वाली लाइन को बदलते हुए 90 आर की आधुनिक रेल पटरियां बिछाईं। मकसद था कि दुर्घटना न हो और रेल यातायात महफूज रहे। बावजूद इसके पटरियों में फ्रैक्चर का सिलसिला थम नहीं रहा है। बीते एक साल में ही बंधुआकलां से पखरौली के बीच आधा दर्जन बार रेल पटरी चटकने की घटनाएं हुई हैं। बहरहाल, इन्हें समय पर देख लिए जाने से कोई हादसा नहीं हुआ।

उतरेटिया-जफराबाद रेलखंड उत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण रेलवे ट्रैक में से एक है। लाकडाउन से पूर्व चौबीस घंटे में 36 जोड़ी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ लगभग इतनी ही मालगाड़ियों की आवाजाही होती रही। इस दोहरे ट्रैक अब भी मालगाड़ियों के संचालन से यातायात का वैसा ही दबाव है। बीती जनवरी में सुलतानपुर से उतरेटिया तक आधुनिक 90 आर की रेल पटरियां बिछाई गईं।

भारतीय रेल की यह सर्वोत्तम श्रेणी की रेल पटरियां मानी जाती हैं, इनमें बेहद कम बियर एवं टियर (घिसावट) है। सौ से अधिक किमी की प्रति घंटा की गति से इस ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन होता है। ऐसे में पटरियों में फ्रैक्चर बड़ी रेल दुर्घटना का कारण बन सकती है।

श्रम संसाधन की कमी :

सहायक मंडल अभियंता रेलपथ ललित कुमार ने बताया कि ट्रैक की देखभाल के लिए अभियंत्रण विभाग के पास श्रम संसाधन की कमी है। सीमित संसाधनों में ट्रैक की देखभाल लाइनमैन और की-मैन के जिम्मे है। बावजूद इसके मानवीय चूक से कभी कभार फ्रैक्चर नजरंदाज हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई ट्रेनों की आवाजाही के बाद बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। तापमान में अचानक बदलाव के चलते लोहे में रासायनिक परिवर्तन होते हैं, तेज धूप के बाद हुई वर्षा के चलते तापमान अचानक गिरा और पटरी में फ्रैक्चर हो गया। कड़ाके की सर्दी और भीषण गर्मी में ऐसी स्थिति उभरती है। सतत निगरानी से इन पर नियंत्रण का प्रयास किया जाता है।

कम दूरी का आधुनिकतम रेलखंड :

लखनऊ से वारणसी को वाया सुलतानपुर सबसे कम दूरी तय करने का आधुनिकतम रेलखंड है। राजधानी सहित लंबी दूरी की तमाम सुपर फास्ट ट्रेन इसी रेलखंड से गुजरती है। प्रदेश की राजधानी को वाराणसी से दो अन्य रेलवे लाइन बाराबंकी व अयोध्या और रायबरेली व प्रतापगढ़ से होकर गुजरती हैं। यह दोनों दोहरी लाइन के नहीं हैं। इनकी दूरी भी सुलतानपुर रेलखंड से अधिक है। ऐसे में मुगलसराय (दीन दयाल उपाध्याय नगर) से जम्मूतवी के महत्वपूर्ण रेलखंड की सूची में यह ट्रैक शामिल है। इसकी सुरक्षा, संरक्षा व सुरक्षित यातायात के लिए तकरीबन 90 रेलवे समपार बंद किए जा रहे हैं। साथ ही ट्रैक की ऑनलाइन देखभाल की व्यवस्था भी है।

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