अत्याधुनिक तरीकों से बदली जाएगी यातायात की सूरत
सुलतानपुर महानगरों की तर्ज पर अत्याधुनिक तौर-तरीकों को अमल में लाकर जनपद की चौपट यातायात।
सुलतानपुर : महानगरों की तर्ज पर अत्याधुनिक तौर-तरीकों को अमल में लाकर जनपद की चौपट यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए यातायात पुलिस को आधुनिक उपकरणों से युक्त कर वाहनों पर नियंत्रण के लिए स्पीड रडार गन लगाए जाएंगे। हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पाट पर संकेतक व स्पीड ब्रेकर बनाने का काम भी शुरू किया जा रहा है।
शहर में रोजाना लगने वाला जाम राहगीरों के लिए मुसीबत बन चुका है। ऐसे में यातायात को नियंत्रित करने में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ अक्सर वाहन सवार उलझ जाते हैं। बहरहाल, समस्याओं से निपटने के लिए यातायात पुलिसकर्मियों को जरूरी उपकरण से युक्त किया जा रहा है। वर्तमान में एक टीएसआइ, छह हवलदार और छह सिपाही शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
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हरकतों को रिकार्ड करेगा बॉडी वार्म कैमरा :
यातायात निरीक्षक प्रवीण सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से 17 बॉडी वार्म कैमरे दिए गए हैं। बटननुमा इन कैमरों को चौक-चौराहों पर लगने वाले पुलिसकर्मियों के शर्ट के कालर में लगाया जाएगा, जिसमें घटनास्थल की हर गतिविधि रिकार्ड हो जाएगी। इसके आधार पर गड़बड़ी करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
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हाईवे पर लगेंगे स्पीड राडार गन :
टांडा-बांदा व वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर स्पीड राडार गन लगाए जाएंगे। गुजरने वाले वाहन की स्पीड को राडार द्वारा रीड कर लिया जाएगा। मानक से अधिक गति होने पर आनलाइन चालान किया जाएगा। फर्राटा भरने वाले वाहनों की जानकारी स्पीड राडार गन के पास खड़े सिपाही द्वारा दिए जाने पर मार्ग पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा चालक को पकड़ लिया जाएगा। शराबी वाहन चालकों की पहचान के लिए ब्रीथ एनलाइजर की संख्या में भी बढ़ोतरी की जा रही है।
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टांटिया नगर चौराहे पर बनेगा गोल चक्कर :
जनपद में 12 ब्लैक स्पाट का चयन यातायात पुलिस की ओर से किया गया है। इनमें सर्वाधिक हादसे टांटिया नगर चौराहे पर होते हैं। यहां गोल चक्कर बनाने, स्पीड ब्रेकर व संकेतक लगवाए जाने की मंशा को लेकर पिछले दिनों एनएचएआइ की अथॉरिटी इंजीनियरिग टीम द्वारा सर्वेक्षण किया जा चुका है। लखनऊ हाईवे स्थित रवनिया पूरब व रवनिया पश्चिम में भी डिवाइडर बनने से हादसों में कमी आ गई है।