छह साल में भी पूरा नहीं हो सका सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने वाला मार्ग अधूरा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:25 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:25 PM (IST)
छह साल में भी पूरा नहीं हो सका सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन
छह साल में भी पूरा नहीं हो सका सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन

बाराबंकी : प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने वाला निर्माणाधीन फोरलेन छह साल में भी पूरा नहीं हो सका। हालात यह है कि जगह-जगह निर्माण बीच में अधूरा छोड़ दिया गया है। इससे जहां आवागमन में राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं, दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं। बहरहाल, शासन ने सख्ती दिखाई तो निर्माण में तेजी आई है। कार्यदायी संस्था का दावा है कि अक्टूबर तक इस पर आवागमन शुरू हो जाएगा।

2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद लखनऊ-वाराणसी फोरलेन का ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया गया था। वर्ष 2015 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने चौड़ीकरण को मंजूरी दी। सितंबर 2015 में निर्माण कार्य शुरू किया। इसे दो भागों में बांट गया। पहले चरण में लखनऊ से सुलतानपुर और दूसरे चरण में सुलतानपुर से वाराणसी को रखा गया। लखनऊ से सुलतानपुर तक कार्य अप्रैल 2019 में पूरा कर लिया गया, लेकिन सुलतानपुर से वाराणसी का कार्य धीमी गति व अवरोध के कारण पूरा नहीं हो सका। नवंबर 2019 तक निर्माण पूरा करने की अवधि को बढ़ाकर मार्च 2021 कर दिया। गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड के अधीन इस सड़क का निर्माण कस्बों के बाइपास पर रुक गया। किसानों ने मुआवजे के चक्कर में निर्माण पर एतराज जताते हुए कई स्थानों पर रोक लगा दी। इसी बीच पांडेयपुर, बेदूपारा, मुरली के पास निर्मित फोरलेन चटक गई है, जिससे सड़क की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल खड़े हो गए। हालांकि दोबारा शासन से सख्ती दिखाई है।

- यहां अधूरा है ओवरब्रिज :

सुलतानपुर से वाराणसी तक के सफर में पयागीपुर रेलवे क्रासिग पर ओवर ब्रिज निर्माण, भदैंया के अभिया गांव में आरओबी, ढखवा बाजार बाईपास का निर्माण, कोइरीपुर शिवाला के पास पीली नदी पर ओवर ब्रिज का काम अधूरा है। वहीं, तमरसेपुर के पास टोल टैक्स स्टैंड का निर्माण चल रहा है। इसके साथ ही अभी सर्विस लेन, डिवाइडर के सुंदरीकरण का काम और पौधरोपण का काम भी नहीं हुआ है। प्रतापपुर कमैचा विकास खंड के नरहरपुर से लेकर सोनांवां तक कुल करीब ग्यारह किमी फोरलेन निर्माणाधीन है।

- रूट डायवर्जन का संकेतक भी गायब :

निर्माणाधीन फोरलने पर कई जगह आवागमन शुरू कर दिया गया, लेकिन इसमें कई जगह ऐसे है जहां रूट डायवर्जन का संकेतक तक गायब हो गए हैं। यही नहीं कई अंधे मोड़ भी निर्माण की वजह से बन गए हैं। वैकल्पिक मार्ग न होने से अक्सर दुर्घटना भी होती रहती है। - तीन माह में पूरा हो जाएगा फोरलेन :

गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेट सुरेश कुमार ने दावा किया है कि अक्टूबर तक फोरलेन के बचे काम पूरे करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 70 फीसद से अधिक काम पूरा कर लिया गया है। सुलतानपुर ओवरब्रिज के अलावा कुछ स्थानों पर बाइपास का काम बाकी है, जिसे तीन माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

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