नगर पालिका में इस घोटाले की अब तक नहीं शुरू हुई जांच
दीन दयाल उपाध्याय आदर्श नगर निकाय के तहत शहर विकास के लिए मिले नौ करोड़ के बजट में खेल हो रहा है।
सुलतानपुर : एलईडी बल्बों से न उजाला फैला न इस कथित खरीदारी में हुई 85 लाख 25 हजार की हेरफेर के रकम की वसूली हो सकी है। नगर पालिका की ओर से शहर को स्मार्ट बनाने और मुहल्लों को रोशन करने के लिए 2400 एलईडी लाइटों की खरीद में हुए घोटाले का राजफाश तीन माह बाद भी नहीं हो सका है। हालात यह हैं कि खरीदे गए बल्ब कहां हैं इसकी जानकारी भी देने वाला कोई नहीं है।
दीन दयाल उपाध्याय आदर्श नगर निकाय के तहत शहर विकास के लिए मिले नौ करोड़ के बजट में खेल हो रहा है। बीते अगस्त में दूधिया प्रकाश से शहर को जगमग करने के लिए 90 और 120 वाट के बल्ब कई चरण में नपाप प्रशासन की ओर से खरीदे गए। इसकी खरीदारी में अनियमितता की शिकायत और जांच की मांग सभासद डा. संतोष सिंह के द्वारा की गई। आरंभिक जांच में अनियमितता सिद्ध हुई और इसी सिलसिले में तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी को 13 अगस्त को निलंबित कर दिया गया। नगर निकाय निदेशालय के निर्देश पर घोटाले की जांच के लिए दो समितियां गठित की गई। पहली लगे बल्बों के सत्यापन के लिए और दूसरी खरीद में विभिन्न स्तर पर बरती गई अनियमितता की जांच कर रही है।
शून्य है अभी तक परिणाम : चौंकाने वाला तथ्य यह है कि लगे बल्ब के सत्यापन में समिति को नमूने के रूप में खरीदी गई लाइटें एक-दो दुक्का पोल पर दिखाए गए। वहीं नपाप के स्टोर में पड़ताल के दौरान सिर्फ 215 लाइटें पाई गई हैं। शेष बल्ब कहां हैं इसका दावा नपाप प्रशासन इन्हें पोल पर लगाने को लेकर करता है। जबकि वार्ड के कई सभासदों का आरोप है कि उनके मुहल्ले में एक भी नई एलईडी लाइट नहीं लगी है।
जिम्मेदार के बोल
लगी लाइटों के सत्यापन की रिपोर्ट अभी मेरे सामने नहीं आई है। धन की रिकवरी का आदेश शासन से जारी होने के बाद यह की जाएगी।
उमाकांत त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व
बल्बों के सत्यापन की समिति ने अपनी जांच आख्या भेज दी है। नगर परिषद प्रशासन ने अपना पक्ष रखा है। अब प्रशासन को इस पर निर्णय लेना है।
बबिता जायसवाल, अध्यक्ष नगर पालिका