बैंक से घर की दूरी कम करेंगी सखी

261 सखी का प्रशिक्षण जिले में हुआ पूरा। 69 सखी की सत्यापन प्रक्रिया भी हो गई पूरी जल्द होगी तैनाती।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 11:20 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 11:20 PM (IST)
बैंक से घर की दूरी कम करेंगी सखी
बैंक से घर की दूरी कम करेंगी सखी

संजय तिवारी, सुलतानपुर

बैंक शाखाओं में अक्सर भीड़ रहती है, जबकि एटीएम में पैसा नहीं होने पर मायूसी का सामना करना पड़ता है। वहीं, सुविधा केंद्रों पर सीमित धन की उपलब्धता के कारण ग्रामीणों को दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में घर पर ही आवश्यक धन उपलब्ध कराने के लिए बैंक घर पर ही आ जाए, इसकी सुविधा जल्द मिलने वाली है। दरअसल, बैंक सखी को प्रशिक्षित कर उन्हें बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो कि ग्रामीण स्तर पर सक्रिय रहेंगी। इससे लोगों को बैंक तक नहीं जाना होगा और बैंक तक की दूरी घर तक सिमट जाएगी।

प्रदेशभर में 56 हजार 875 बैंक सखी में से अब तक 20 हजार 930 ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। इनमें से छह हजार 903 सखी का पुलिस से सत्यापन भी हो गया है। साथ ही 10 हजार 343 बैंक सखी के खाते में 75 हजार रुपये की धनराशि भी भेजी जा चुकी है। इनमें से 891 को बैकिग लेनदेन की डिवाइस (उपकरण) भी सुलभ करा दिया गया है। जिले में ही 960 बैंक सखी में से 261 की ट्रेनिग खत्म हो चुकी है। वहीं, 69 की सत्यापन प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक अमित कुमार श्रीवास्तव के साथ कई सदस्य प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।

आजीविका मिशन से जुड़ी हैं सखी :

जनता को बैंक के समान सहूलियत देने के लिए प्रशिक्षित की जा रही बैंक सखी आजीविका मिशन के तहत पंजीकृत समूहों की सदस्य हैं। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के यूपीको, आइसेट, अलंकृत, रिकेबेंचर, सरना इंफोटेक बैंक पार्टनर हैं, जो कि एनआरएलएम को बैंकिग सुझाव से लेकर हर तरह की सुविधा मुहैया कराएंगे। इसका लाभ सखियों को मिलेगा। इन्हीं बैंकों के जरिए 75 हजार रुपये अग्रणी बैंक बीओबी को ट्रांसर्फर होगा। यह पैसा समूहों के खातों में जाने के बाद सदस्यों के खाते में हस्तांतरित किया जाएगा। इसी धन में से 31 हजार 500 रुपया बैंक डिवाइस, मसलन लैपटाप, टैबलेट, अंगूठा निशान का उपकरण (स्कैनर) और प्रिटर आदि के लिए खर्च किया जाएगा, जिसका दायित्व बीओबी ही निभाएगी। इसके लिए मुंबई की एक कंपनी से अनुबंध किया गया है।

जल्द क्रियाशील होंगी बैंक सखी :

बैंक सखी को क्रियाशील करने के लिए शासन स्तर पर तेजी से कार्य चल रहा है। डीसी एनआरएलएम जितेंद्र मिश्र ने बताया कि ग्राम्य विकास के अपर मुख्य सचिव नियमित रूप से इसकी मानीटरिग कर रहे हैं। जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में लेनदेन का कार्य सखी के जरिए कराने का लक्ष्य तय किया जाएगा।

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