सावन की पहली बरसात से लहलहाई धान की फसल

लंबे अंतराल के बाद मंगलवार देर रात हुई तेज बरसात किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:09 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:09 AM (IST)
सावन की पहली बरसात से लहलहाई धान की फसल
सावन की पहली बरसात से लहलहाई धान की फसल

सुलतानपुर : लंबे अंतराल के बाद मंगलवार देर रात हुई तेज बरसात किसानों के लिए वरदान साबित हुई। सावन की पहली बारिश से जहां धान की मुरझाई फसल को संजीवनी मिली। वहीं, उमस झेल रहे लोगों ने राहत महसूस की। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि आगामी दो तीन दिनों में और तेज बरसात होगी।

पखवाड़े भर से रूठा मानसून मंगलवार देर शाम सक्रिय हो उठा, शुरू हुई रिमझिम फुहार देर रात तेज बरसात में बदल गई। वहीं, बुधवार को सुबह भी आसमान में बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हुई। दोपहर बाद आसमान साफ हुआ और धूप खिल गई। हालांकि शाम को फिर आसमान पर बादल उमड़ने-घुमड़ने लगे।

अगेती धान को पहुंचा फायदा :

मई और जून में हुई पर्याप्त वर्षा के दौरान नर्सरी डालने वाले किसानों ने अगेती फसल के रूप में धान की रोपाई कर दी थी। ऐसे में इन फसलों को पानी की बेहद दरकार थी। निजी नलकूप से सिचाई के चलते खेती की लागत बढ़ने से किसान चितित थे। इस बरसात से किसानों को काफी फायदा पहुंचा है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्व विद्यालय के वरिष्ठ विज्ञानी डा. आरआर सिंह ने बताया कि अगेती रोपाई की धान की फसल में अब यूरिया के छिड़काव की आवश्यकता है। किसान इसे वर्षा रुकने के दौरान करें। खाद की टाप ड्रेसिग सूर्याेदय से पूर्व अथवा सूर्यास्त के बाद ही की जाए। जारी रहेगा वर्षा का क्रम :

कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के विज्ञानी डा. अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि पश्चिम बंगाल व बिहार के रास्ते आने वाले मानसून की सक्रियता से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बरसात का क्रम बने रहने की संभावना है। आगामी दो-तीन दिनों बाद इसके जोर पकड़ने की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधितम सापेक्षिक आ‌र्द्रता 92 व न्यूनतम 85 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं, 1.8 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दक्षिण पूर्व दिशा की हवाएं चलीं।

chat bot
आपका साथी