रात भर हुई रिमझिम बरसात, किसानों में जगी उम्मीद की आस
अगस्त की पूर्व संध्या किसानों के उम्मीद की किरण साबित
सुलतानपुर : अगस्त की पूर्व संध्या किसानों के उम्मीद की किरण साबित हुई है। सूखे सावन में शनिवार की रात लगातार रिमझिम बरसात धान की फसल के लिए संजीवनी बन रही है। वहीं तेज हवा के साथ पानी की फुहार ने आमजनों को उमस और गर्मी से राहत मिली है। बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए है। धान की मुरझा रही फसल को पनपने का मौका मिला है। जुलाई माह में मिली निराशा
मई और जून में आवश्यकता से अधिक वर्षा होने के बाद किसानों के लिए जुलाई माह निराशजनक रहा। मई में यास चक्रवात की सक्रियता से जिले में 143 मिमी वर्षा हुई। वहीं जून में 214 मिमी वर्षा हुई। जुलाई में औसतन 298 मिमी वर्षा अपेक्षित होती है। इसके सापेक्ष इस बार 107 मिमी बरसात ही हुई है।
झमाझम बरसात की बनी उम्मीद
जुलाई में अपेक्षित वर्षा न होने से खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती प्रभावित हुई है। अगस्त की शुरुआत में बारिश की संभावनाएं बढ़ने से किसान हर्षित हुए हैं। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि आगामी तीन चार दिनों में अवध क्षेत्र के जिलों में तेज बारिश की संभावना है। इससे जुलाई माह में हुई कम वर्षा की भरपाई हो सकेगी।
नुकसान की स्थिति में नहीं हैं फसलें
मई व जून में पर्याप्त वर्षा होने से किसानों ने धान की नर्सरी डाल दी थी। जुलाई में बेहतर बरसात की उम्मीद से धान की अच्छी पैदावार की संभावना बनी थी। कृषि विश्वविद्यालय के मृदा परीक्षण विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आरआर सिंह ने कहा कि धान की फसल के लिए सतह पर पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। यह जरूरी नहीं है कि खेत पानी से लबालब रहे। ऐसे में किसानों को चितित होने की आवश्यकता नहीं है। एक पखवारे के अंतराल पर यदि खेत में सतह पर सूखा दिखे तो किसान नलकूप के जरिए आधुनिक प्रणाली से सिचाई की व्यवस्था करें। सूर्यास्त के बाद सिचाई करने से खेतों की लंबे समय तक नमी बरकरार रहेगी।