सरकारी नहीं, गरीब मरीजों को भा रहे प्राइवेट अस्पताल

सुलतानपुर परंपरागत चिकित्सा व्यवस्था व संसाधनों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:21 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:21 PM (IST)
सरकारी नहीं, गरीब मरीजों को भा रहे प्राइवेट अस्पताल
सरकारी नहीं, गरीब मरीजों को भा रहे प्राइवेट अस्पताल

सुलतानपुर : परंपरागत चिकित्सा व्यवस्था व संसाधनों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने से आयुष्मान कार्ड धारक परहेज कर रहे हैं। शासन की तरफ से पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की योजना का लाभ लेने के लिए गरीब मरीज प्राइवेट अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही कारण है कि अब तक योजना के तहत 5200 में से मात्र 893 लोगों ने ही सरकारी अस्पताल में इलाज कराया। शेष लोगों ने आयुष्मान योजना से आच्छादित 19 निजी अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों का उपचार कराया।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 2011 की जनगणना के अनुसार गरीब परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाए गए। 2018 से अब तक एक लाख 72 हजार लोगों को यह कार्ड जारी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के भी एक लाख 15 हजार कार्ड बनाए जा चुके हैं।

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यह भी है वजह :

सरकारी अस्पतालों में निजी हास्पिटल की तरह व्यवस्थाओं का अभाव होता है। जांच, पैथोलॉजी, खानपान व अन्य सुविधाओं के मद्देनजर भी मरीज सरकारी अस्पताल पर भरोसा नहीं कर पाते हैं। चिकित्सकों की कमी, मरीजों की अधिकता से भी समय से इलाज नहीं मिल पाता है। लाभार्थियों की यह भी मनोदशा होती है कि सरकारी अस्पताल की अपेक्षा निजी में बेहतर व इलाज होता है।

---- जिला अस्पताल में बंद जन आरोग्य केंद्र :

जिला अस्पताल में स्थापित जन आरोग्य पूछताछ केंद्र पर ताला लटक रहा है। इससे योजना का लाभ लेने वाले पात्रों को फायदा नहीं मिल पा रहा है। गोल्डन कार्ड के जरिए भी मरीजों को यहां समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्र भी पात्रों को सुविधाएं देने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। ----

योजना से जोड़े जा रहे वंचित पात्र :

जिला शिकायत प्रबंधक गौरव तिवारी ने बताया कि शासन स्तर पर अब 80 हजार अंत्योदय कार्ड धारकों का भी गोल्डन कार्ड बनाए जाने का निर्देश मिला है। इसके लिए 24 जुलाई से नौ अगस्त तक शिविर लगाकर 14 ब्लाकों में 42 स्थानों पर गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके लिए किसी प्रकार की धनराशि नहीं ली जाएगी। इस संबंध में जिम्मेदारों को निर्देशित किया गया है।

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