सकरसी गांव में मिलेंगे कड़कनाथ के चूजे

शिवशंकर पांडेय भदैंया (सुलतानपुर) झाबुआ का कड़कनाथ अब जिले के सकरसी गांव में मिलेग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:36 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:36 PM (IST)
सकरसी गांव में मिलेंगे कड़कनाथ के चूजे
सकरसी गांव में मिलेंगे कड़कनाथ के चूजे

शिवशंकर पांडेय, भदैंया (सुलतानपुर) : झाबुआ का कड़कनाथ अब जिले के सकरसी गांव में मिलेगा। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत मनरेगा योजना से बने पहले हैचरी फार्म की शुरुआत बिना उद्घाटन के हो गई है। इसमें जल्द ही हैचरी मशीन में कड़कनाथ का जन्म भी हो जाएगा। महिला स्वयं सहायता समूहों को चूजे बेचकर स्वरोजगार से धन कमाने की सुनहरी सौगात मिलेगी।

-इन्क्यूवेटर मशीन में दीपावली के बाद आएंगे 276 चूजे

सकरसी में करीब साढ़े सात लाख की लागत से पंचायत द्वारा हैचरी फार्म को बनाया गया है। इस फार्म में एक कार्यालय व बरामदा एक इन्क्यूबेटर कक्ष तथा एक टीन शेड का हाल बनाया जा रहा है। कार्यालय से देखरेख व संचालन होगा तथा इन्क्यूबेटर कक्ष में मशीन रहेगी जिसमे 18- से 21 दिनों में अंडे से चूजे निकलने पर उनको टीनशेड के हाल में रखा जाएगा और वहीं से तैयार चूजों की बिक्री होगी। 18 अक्टूबर को यहां 276 अंडे इन्क्यूबेटर मशीन में रखकर योजना की शुरुआत की गई है। दीपावली के बाद कड़कनाथ चूजे के रूप में जन्म लेंगे। सलोनी सहायता समूह से उर्मिला गुप्ता, किरन स्वयं सहायता समूह से इन्दू और गौतम बुद्ध स्वयं सहायता समूह से देवकी का चयन कर पांच सदस्यीय संचालन टीम बनाई गई है।

- अंडे से चूजे तैयार करने को आई मशीन

हैचरी फार्म पर अंडे से चूजे तैयार करने को मशीन आई है जो बिजली व इन्वर्टर दोनों से संचालित हो रहा है। बिजली जाने पर वह आठ घंटे इन्वर्टर से चलेगा, जो अंडों के लिए उपयुक्त तापमान करीब 45 डिग्री को बरकरार रखेगा।

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राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत हैचरी फार्म का जल्द ही उद्घाटन किया जाना है। निर्माण पूरा कर महिला समूहों को हस्तांतरित कर मशीन से इसमे अंडे लाकर इसका शुभारंभ हो गया है, जल्द ही इसको व्यवसायिक रूप दिया जाएगा। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

राजेश कुमार सिंह, राष्ट्रीय आजीविका मिशन प्रभारी

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