कोल्ड स्टोरेज में लग रही लाइन, तीन दिन बाद आ रहा निकासी का नंबर

सुलतानपुर लोहरामऊ कोल्ड स्टोरेज से आलू भंडारण की निकासी करने में किसानों के पसीने छ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:33 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:33 PM (IST)
कोल्ड स्टोरेज में लग रही लाइन, तीन दिन बाद आ रहा निकासी का नंबर
कोल्ड स्टोरेज में लग रही लाइन, तीन दिन बाद आ रहा निकासी का नंबर

सुलतानपुर : लोहरामऊ कोल्ड स्टोरेज से आलू भंडारण की निकासी करने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं। अव्यवस्था तथा अधिक धन वसूली से किसानों की जेब ढीली हो रही है। तीन से पांच दिन बाद आलू निकालने का नंबर मिलने पर किसानों को आलू निकासी के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। उद्यान विभाग के अधिकारियों की इस उदासीनता का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

उद्यान विभाग भले ही यह दावा कर रहा हो कि आलू भंडारण से निकासी की सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। हनुमानगंज का कोल्ड स्टोरेज इस साल बंद होने से आसपास व दूर दराज के किसानों ने इस साल लोहरामऊ कोल्ड स्टोर पर आलू भंडारण किया है। किसानों की संख्या अधिक होने तथा एक ही स्टोरेज चलने से यहां पर अव्यवस्था हावी है। किसानों से अधिक मूल्य की वसूली की जा रही है। गुरुवार को कोल्ड स्टोर में आलू निकासी के लिए पहुंचे किसानों को तीन से पांच दिन बाद की तारीख दी गई।

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किसानों ने बयां किया दर्द

बल्दीराय के दौनो निवासी बृजविहारी मिश्र, अंबिका प्रसाद ने बताया कि दस दिन पहले अस्सी किमी दूर से आने पर आज की तारीख मिली थी। अभी निकासी शाम तक होना बताया जा रहा है। अयोध्या जिले के हैरिग्टनगंज के किसान फौजदार सिंह कहते हैं कि वह हनुमानगंज के स्टोर में आलू रखते थे स्टोर बंद होने से यहां रखे हैं, जहां निकासी के लिए बोरों को साठ किलो मानक मानकर अधिक पैसा लिया जा रहा है। ऊंचहरा के किसान शिव प्रताप सिंह, व अभियाखुर्द के रमेश दूबे कहते हैं कि हम तीस साल से आलू की खेती करते हैं लेकिन आलू भंडारण में इतनी अनियमितता कभी नहीं हुई है। यहां कोल्ड स्टोर में सात बोरी के लिए चार क्विटल का रुपया वसूला जा रहा है।

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कोल्ड स्टोरेज में आलू निकासी को लेकर और अधिक आलू के रखरखाव के मूल्य वसूलने की शिकायत मिली है। इसके लिए संचालक को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। कमी मिले पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

रणविजय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी

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