अवैध शराब, शस्त्र बरामदगी व गुंडा एक्ट की कार्रवाई में लाएं तेजी
सुलतानपुर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराए जाने को लेकर बुधवार की देर श
सुलतानपुर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराए जाने को लेकर बुधवार की देर शाम पुलिस लाइन स्थित सभागार में अपराध गोष्ठी का आयोजन किया गया है। डीएम व एसपी की अध्यक्षता में संपन्न इस गोष्ठी के दौरान चुनाव में गड़बड़ी फैलाने वाले अराजकतत्व, हिस्ट्रीशीटर व वारंटियों की धरपकड़ के लिए निर्देशित किया गया है। राजस्व टीम के सहयोग से भूमि विवाद से जुड़े मामलों को समय से निस्तारित करने की जिम्मेदारी मातहतों को दी गई।
डीएम रवीश गुप्ता ने पुलिसकर्मियों को अवैध शराब, शस्त्र बरामदगी, अपराधियों के विरुद्ध गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई व शांति भंग में चालान किए जाने में तेजी लाने की बात कही। एसपी ने कहा कि महिला अपराधों को रोकने के लिए एंटी रोमियो टीक को सक्रिय रखने की जरूरत है। उनके द्वारा सभी क्षेत्राधिकारियों, थाना प्रभारियों को पैदल गस्त कर संदिग्ध वाहनों व बैंकों की चेकिग करने के लिए भी निर्देशित किया गया। लंबित विवेचनाओं, आइजीआरएस एवं जनसूचना का निस्तारण समय पर किए जाने की भी बात कही गई। जेल से छूटे अपराधियों की नियमित निगरानी की जाए व उनका डोजियर भरा जाना भी सुनिश्चित होना चाहिए। सप्ताह में एक दिन पुलिस कर्मियों को थाने की साफ-सफाई के लिए भी निर्देशित किया गया। इस दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी शमशाद अहमद, सभी एसडीएम व सीओ व थाना प्रभारी आदि मौजूद रहे।
-----
डाक, ई- मेल या सीधे कार्यालय में दर्ज कराई जा सकती है आपत्ति सुलतानपुर: आरक्षित सीटों से संबंधित आपत्ति आवेदन लिखित रूप में ब्लॉक कार्यालय, डीपीआरओ , व डीएम कार्यालय में कार्य दिवस के दौरान सीधे दिया जा सकता है। इसके अलावा डाक या ई- मेल के जरिए भी आवेदन किया जा सकता है। आपत्ति आठ मार्च, शाम पांच बजे तक ही स्वीकार की जाएगी। इसके बाद के आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। यह बातें डीएम रवीश गुप्ता ने गुरुवार को कही है।
उन्होंने कहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर विभिन्न पदों के सीटों का आरक्षण शासनादेश में निर्धारित आंकलन विधि से किया गया है। इस विधि में प्रयोग किए गए आकड़ें व क्रमवार चरणों के आरक्षण के साथ उपलब्ध कराए गए विस्तृत नोट को तालिकाओं में स्पष्ट किया गया है। उसका अध्ययन कर आरक्षण किस प्रकार निर्धारित किया गया है, उसे समझा जा सकता है। उन्होंने कहा है कि आत्तियां अपनाई गई प्रक्रिया के संदर्भ में ही स्वीकार की जाएगी। प्रक्रिया अनुपालन में त्रुटि मसलन आकड़ा, लिपि, या कई अन्य गलतियां इंगित करने वाले प्रार्थनापत्र का परीक्षण किया जाएगा। यदि कोई आपत्ति बिना प्रक्रिया का अध्ययन व त्रुटि को स्पष्ट किए डाली जाती है तो वह प्राथमिक स्तर पर ही निरस्त कर दी जाएगी।