तटबंध बनने की आस में बीत गए चार दशक

कुड़वार क्षेत्र के इटवा मलना नाले पर डैम बनना था। लेकिन लंबे समय से यह कार्य रुका हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 11:00 PM (IST)
तटबंध बनने की आस में बीत गए चार दशक
तटबंध बनने की आस में बीत गए चार दशक

सुलतानपुर : इटवा मलना से कुड़वार क्षेत्र में बहने वाले नाले पर बटपरवा बांध बनाने की मांग किसान अर्से से करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक न तो जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया और न ही अफसरों ने। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

क्षेत्र के ग्रामीणों की नाले पर दो तटबंध बनाने की मांग 1984 में तत्कालीन मंत्री जय नारायण तिवारी से मांग की। काफी संघर्ष के रामापुर व चंदीपुर ग्राम सभा के बीच बांध बनना शुरू हुआ, लेकिन बांध बहुत नीचा होने के कारण वह भी महत्वहीन साबित हुआ। दूसरा डैम ग्राम पंचायत सेवरा में बनना था, लेकिन सरकार बदलने के बाद यह फाइल भी ठंडे बस्ते में चली गई।

किसानों को मिल सकता है पानी का लाभ : नाले के पानी से किसानों की हजारों एकड़ फसलों की सिचाई का लाभ मिल सकता है। 10 किलोमीटर लंबा यह नाला दर्जनों गांवों के बीच होकर गुजरता है, लेकिन सारा पानी पुरानी गोमती नदी में जाकर समाहित हो जाता है। लगभग चालीस वर्ष बीतने को हैं लेकिन किसान महंगी सिचाई करने को बाध्य है। डैम बनने की लालसा में किसानों की पीढियां गुजर गई आस आज भी बाकी है।

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