जल निगम ने खोद डाली करोड़ों से बनी इंटरलॉकिग पटरी

साढ़े पांच करोड़ रुपये से सात साल पहले कराया गया था निर्माण। लम्भुआ नगर पंचायत का मामला।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:07 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:07 AM (IST)
जल निगम ने खोद डाली करोड़ों से बनी इंटरलॉकिग पटरी
जल निगम ने खोद डाली करोड़ों से बनी इंटरलॉकिग पटरी

सुलतानपुर : नगर पंचायत के बाशिदों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल निगम ने साढ़े पांच करोड़ रुपये लागत से बनी इंटरलॉकिग पटरी ही खोद डाली। पाइप लाइन बिछाने के बाद खोदी गई पटरी को सिर्फ मलबे से ढंक दिया। इससे दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है।

तहसील मुख्यालय पर सड़क के किनारे कच्ची पटरी होने की वजह से लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता था। मामूली बरसात पर भी दुकानदार व ग्राहकों को कीचड़ से गुजरना पड़ता था। करीब सात साल पहले तत्कालीन सांसद वरुण गांधी ने इस समस्या का संज्ञान लिया। केंद्र सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय की तरफ से कस्बे में सड़क के दोनों तरफ मजबूत इंटरलॉकिग पटरी का निर्माण कराया गया। सांसद की इस कोशिश ने यहां के बाशिंदों को खासी राहत दी।

अब नवसृजित नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। लिहाजा, जल निगम जेसीबी के जरिए इस इंटरलॉकिग पटरी को उखाड़ कर पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इसी क्रम में खोदे गए गड्ढे को सिर्फ मलबे से भरा जा रहा है। जाहिर है कि बरसात या पानी भरने पर ये गड्ढे दुर्घटना का कारण बन जाएंगे।

इस बाबत नगर पंचायत की अधिशाषी अधिकारी आरती श्रीवास्तव ने बताया कि यह काम जल निगम का है। नगर पंचायत का इससे कोई वास्ता नहीं है। उधर, जल निगम के अवर अभियंता आशीष यादव ने मीटिंग में व्यस्तता बताकर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

अधिशासी अभियंता जल निगम आरएस यादव ने बताया कि इंटरलाकिग खोदाई के पहले जैसी पटरी थी, वैसी ही बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि काम ठीक से नहीं हो रहा है तो गलत है। उसे पूर्व की तरह कराया जाएगा।

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