आजादी की पहली सुबह गूंज उठी भारत माता की जयकार
देश आजादी से सेना में जाने की प्ररेणा मिली। इसके बाद सूबेदार राम उजागिर पांडेय ने वीर चक्र हासिल किया।
सुलतानपुर : क्रांतिकारियों के बलिदान से आजाद हुए देश की पहली सुबह खास थी। क्षेत्र में एक दिन पहले मध्य रात्रि से ही घरों में ऊपर तिरंगा लगाने का कार्य शुरू हो गया था। 15 अगस्त 1947 की सुबह भारत माता की जय के जयकारे के साथ पूरा क्षेत्र जश्न में डूबा गया। जयसिंहपुर के महादेवपुर गांव निवासी सेवानिवृत सूबेदार वीर चक्र विजेता राम उजागिर पांडेय कहते है कि मैं उस समय 13 वर्ष वर्ष का था। पूरे गांव में जश्न मनाया जा रहा था। लोग एक दूसरे को मिठाई बांट रहे थे। पिताजी भी गरमागरम जलेबियों को लेकर पहुंचे और फिर घर के बाहर लोगों में बांटना शुरू कर दिया। हर कोई तिरंगा लेकर भारत माता की जय-जयकार कर रहा था। मैं भी उन्हीं की टोली के साथ गांव में घूमकर जश्न मनाता रहा। उसी दिन मैंने ठान लिया कि मैं सेना में जाकर दुश्मनों का छक्के छुड़ाऊंगा। मुझे सेना में सेवा करने का मौका भी मिला। आठ सितंबर 1965 को सियालकोट सेक्टर जम्मू में तैनात था। उसी दौरान दुश्मनों से जंग छिड़ गई थी। मैंने दुश्मनों की बंदूक छीन कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इसके लिए सरकार द्वारा मुझे वीरचक्र से नवाजा गया। आज भी जब 15 अगस्त का नाम सुनते हैं तो गर्व से सीना ऊंचा हो जाता है और वही ताकत, वही जज्बा, वही साहस, वही मनोबल शरीर में उत्पन्न हो जाता है।