आने-जाने वाले यात्रियों की संक्रमण जांच बनी चुनौती
महानगरों से ट्रेनों के जरिए यहां उतरने वाले प्रवासियों की
सुलतानपुर : महानगरों से ट्रेनों के जरिए यहां उतरने वाले प्रवासियों की जांच चुनौती बनी है। रेल महकमे के पास जांच के संसाधन नहीं हैं, ऐसे में जिला स्वास्थ्य विभाग की संक्रमण जांच की रस्म अदायगी की जाती है। शुक्रवार को यह व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, जांच के लिए लगाई गई टीम के एक सदस्य के पॉजिटिव होने पर अन्य लोग भी जांच की प्रक्रिया से हाथ खड़े कर लिए हैं। ऐसे में प्लेटफार्म नंबर एक पर बना कोविड हेल्प डेस्क खाली पड़ा है। आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग तक नहीं हो रही है। वहीं प्लेटफार्म पर भी लोगों की बेरोकटोक आवाजाही बनी हुई है। अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब के अन्य जिलों से आने वाले यात्रियों को स्वास्थ विभाग के चार कर्मी थर्मल स्क्रीनिग तक सिमटे थे। स्टेशन प्रशासन की ओर से सीएमओ व जिला प्रशासन को कई बार जांच टीम बढ़ाने के लिए पत्र लिख गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रतिदिन हो रही 2000 यात्रियों की आमद
चौबीस घंटे में तकरीबन 12 अप और डाउन ट्रेनों का आवागमन और ठहराव होता है। इनके जरिए महानगरों में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आने वाली ट्रेनों में खचाखच यात्री भरे रहते हैं। विशेष रूप से मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली से आने वाली ट्रेनें पूरी तरह पैक रहती हैं। प्रत्येक ट्रेन से औसतन 80 से लेकर 100 यात्री यहां उतरते हैं। यहां समाप्त होने वाली तीन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या 200 से 250 के बीच रहती है।
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रेलवे स्टेशन प्रशासन के पास स्थानीय स्तर पर जांच के संसाधन नहीं हैं। जिला प्रशासन के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग की टीम यह कार्य करती है। शुक्रवार की सुबह टीम के सदस्य हेल्प डेस्क पर नहीं आए। इसकी सूचना जिला प्रशासन और सीएमओ को दी गई है।
डीएस मीना, स्टेशन अधीक्षक