योगी गलत करेंगे तो बोलेंगे, जेल में डालें या फांसी दें

आप विधायक सोमनाथ भारती बोले कि मुख्यमंत्री की आस्था संविधान से खत्म हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:53 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:53 PM (IST)
योगी गलत करेंगे तो बोलेंगे, जेल में डालें या फांसी दें
योगी गलत करेंगे तो बोलेंगे, जेल में डालें या फांसी दें

सुलतानपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी के मामले में आम आदमी पार्टी के दिल्ली से विधायक सोमनाथ भारती जिला कारागार से मंगलवार को रिहा हो गए। रिहाई के बाद उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि सरकार ने उन्हें जेल में डालकर अच्छा किया। जेल, व्यवस्था की विफलता का अंदाजा दे देता है। यूपी में गलत देखूंगा तो बोलूंगा। योगी मुझे जेल में रखें या फांसी पर चढ़ा दें, चुप नहीं बैठूंगा।

पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की संविधान से आस्था खत्म हो गई है। वह संवैधानिक मूल्यों को दर किनार कर रहे हैं। तानाशाही के जरिए विपक्षियों का मुंह बंद करना चाहते हैं। हम उनमें से नहीं हैं। हर व्यक्ति यही कह रहा है कि यूपी में अघोषित आपातकाल लग गया है। कांग्रेस ने घोषित आपातकाल लगाया था। लेकिन, यह सरकार अघोषित रूप से सत्यता का बयान करने से रोक रही है।

बयान को पेश किया आंशिक :

आप विधायक ने कहा कि उनके बयान को आंशिक रूप से पेश किया गया है। प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का विधान सभा क्षेत्र प्रयागराज है, वहां एक अस्पताल को वह देखने गए। अस्पताल के एक कमरे में कुत्ते के सात-आठ बच्चे पैदा हुए थे। न डाक्टर दिख रहे थे और न ही कोई स्टॉफ। अस्पताल की व्यवस्था बेहद खराब थी। उसी व्यवस्था की ओर इशारा कर उन्होंने कहा कि यहां इंसान के बच्चे नहीं कुत्तों के बच्चे पैदा होते हैं। वहीं, योगी की मौत बयान का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने उनकी कार्यशैली को लेकर राजनैतिक मौत की बात कही थी। तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे मामला :

आप विधायक ने कहा कि रायबरेली में मेरे संवैधानिक अधिकार का हनन किया गया। पुलिस की मौजूदगी में उन पर स्याही फेंकी गई। इसके पहले उनके कमरे के बाहर कहीं भी जाने से मना कर दिया गया। वह इसे सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।

10 जनवरी को दर्ज हुआ था मुकदमा :

अमेठी जिले के जगदीशपुर थाने में उनके ऊपर 10 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी क्रम में 11 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट में उन्हें पेश कर जिला कारागार में निरुद्ध किया गया। वहीं, 15 जनवरी को सशर्त जमानत मिली और 16 जनवरी को रायबरेली में दर्ज मामले में जमानत मंजूर हुई थी। इसके बाद वह एक मामले में दिल्ली कोर्ट में गए थे, जहां से मंगलवार की भोर में जिला कारागार पहुंचने पर उन्हें रिहा कर दिया गया।

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