रेल कर्मियों के स्वास्थ्य की देखभाल अब आनलाइन
छह दशक पहले रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर पर स्थापित स्वास्थ्य केंद्र का अधिकार क्षेत्र विस्तृत। 25 स्टेशनों सहित जंक्शन पर तैनात कर्मचारियों और उनके स्वजन के उपचार की जिम्मेदारी।
गोपाल पांडेय, सुलतानपुर
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम भारतीय रेल के कर्मचारियों और उनके परिवारजन के स्वास्थ्य की देखभाल अब केंद्रीय स्तर पर होगी। इसके लिए पूरे देश को एक नेटवर्क से जोड़ा गया है, जिसमें जिला मुख्यालय स्थित विभाग के स्वास्थ्य केंद्र को भी शामिल किया गया है। इसके तहत हर हेल्थ यूनिट से जुड़े सभी रेल कर्मियों को विशेष डिजिटल कार्ड निर्गत किए गए हैं। इन पर अंकित यूनीक कोड स्थानीय हेल्थ यूनिट के कंप्यूटर पर डालते ही कर्मी का पूरा विवरण ऑनलाइन हो जाएगा।
दिल्ली स्थित उत्तर रेलवे के मुख्य स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े कंप्यूटर पर भी यह विवरण देखा जा सकेगा। इससे दवाओं की हेराफेरी और अन्य अनियमितताएं नियंत्रित हो सकेंगी। साथ ही केंद्रीय मुख्यालय को हर समय पता चल सकेगा कि किस यूनिट पर कितनी दवा है और कितनी मरीजों में वितरित की गई।
विस्तृत है सेवा क्षेत्र :
रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर पर छह दशक पहले स्थापित इस स्वास्थ्य केंद्र का अधिकार क्षेत्र विस्तृत है। जंक्शन सहित 25 स्टेशनों पर तैनात कर्मचारियों और उनके परिवारजन के उपचार की जिम्मेदारी इस अस्पताल पर है।
लखनऊ रूट पर बाराबंकी के चौबीसी, वाराणसी रूट पर जौनपुर के श्रीकृष्णानगर, अयोध्या रेलखंड पर चौरे बाजार और प्रयागराज रूट पर प्रतापगढ़ के कोहंडौर स्टेशन पर तैनात कर्मियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उनके मेडिकल रिपोर्ट आदि बनाने का दायित्व अस्पताल पूरी करता है। दस बेड वाले इस अस्पताल में आपात स्थिति में भर्ती के अतिरिक्त चोट, सामान्य रोगों के उपचार और दुर्घटना के समय राहत के लिए विशेष प्रबंध किए गए है। गंभीर रोगियों को उपचार के लिए लखनऊ रेफर किया जाता है।
पेपरलेस हो रही व्यवस्था :
अस्पताल में रेल मुख्यालय से जुड़ा कंप्यूटर सक्रिय है। पर्चा बनाने व दवा लिखने की प्रक्रिया भी जल्द ही कंप्यूटर से शुरू कर दी जाएगी। आए मरीज को इसका प्रिट दिया जाएगा। इस व्यवस्था से रेलवे के कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मी व उनके परिवारजन, जिनकी संख्या तकरीबन 15 हजार है, जो कि लाभान्वित होंगे।
मोबाइल फोन पर आता है मैसेज :
अस्पताल के कंप्यूटर पर जैसे ही कर्मी का कोड डाला जाता है उसके मोबाइल फोन पर मुख्यालय से तुरंत इस आशय का मैसेज आता है। इससे किसी रेलकर्मी के कार्ड का दुरुपयोग और हेराफेरी पूरी तरह रुक जाएगी। रेलवे अस्पताल में बीते 20 साल से अपनी सेवा दे रहे चीफ फार्मासिस्ट केशव गुप्ता का कहना है कि चिकित्सालय में संविदा पर चिकित्सक की तैनाती है। सुविधाओं में बढ़ोतरी और स्टाफ की तैनाती के लिए लिखा-पढ़ी की गई है।