दरवाजे पर पिता का शव, जायदाद को झगड़ते रहे बेटे
विवाद के चलते चौबीस घंटे बाद अंतिम संस्कार हुआ। पिता का राम 25 सितंबर की दोपहर को बीमारी के बाद निधन हो गया था।
सुलतानपुर : जिन बेटों की हर हसरत पूरी करने के लिए बाप दिन-रात हाड़तोड़ मेहनत करता रहा, बचपन में कंधों पर लेकर घूमा। वही बेटे मरने के बाद शव को छोड़ जायदाद के लिए इस कदर झगड़े की दुश्मन भी ऐसा नहीं कर सकता। पिता का शव चौबीस घंटे तक दरवाजे पर ही पड़ा रहा और चारों पुत्र तहसील में जायदाद की लिखापढ़ी करते रहे।
कोतवाली देहात थाने के जादीपुर पंचायत के इस्लामगंज गांव निवासी राम अवध का 25 सितंबर की दोपहर को बीमारी के बाद निधन हो गया। मौत के बाद शव को दफनाने के लिए गड्ढा खोदने का काम चल ही रहा था कि बेटों में वसीयत को लेकर रार शुरू हो गई। अंतिम संस्कार का काम रुक गया और पंचायत शुरू हो गई। परिवारजन के मुताबिक मृतक पिता ने पखवारे भर पहले अपने मझले पुत्र रामजग की पत्नी व छोटे पुत्र रामजियावन को रजिस्टर्ड वसीयत कर दी थी। उसकी मौत के बाद शाम तक पंचायत हुई। शनिवार को चारों भाई तहसील पहुंचे और बराबर हिस्सेदारी की लिखापढ़ी की गई। इन सब के बीच पिता का शव घर के दरवाजे पर ही पड़ा रहा। उसके बाद देर शाम उसका अंतिम संस्कार हो सका।
वर्जन
शव दफनाने व वसीयत के विवाद की जानकारी हमें नही है। यदि ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। इसकी पूछताछ व जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
देवेन्द्र सिंह, देहात कोतवाल