प्रदूषण के प्रति जागरूक किसान पराली से खेत में बना रहे खाद

पानी और यूरिया के प्रयोग से खेत की पराली से हरी खाद बनेगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 01:01 AM (IST)
प्रदूषण के प्रति जागरूक किसान पराली से खेत में बना रहे खाद
प्रदूषण के प्रति जागरूक किसान पराली से खेत में बना रहे खाद

सुलतानपुर : बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार और प्रशासन की चिता के साथ ही क्षेत्र के किसानों ने भी कदमताल कर खेतों में पराली का सदुपयोग कर खाद बनाने की ओर रुख कर लिया है। ये किसान पराली का उपयोग कर जमीन को उपजाऊ बना रहे हैं।

क्षेत्र में धान की फसल को कंबाइन मशीनों के माध्यम से काटा जा रहा है, जिससे खेत में पराली छोटे-छोटे टुकड़ों में खड़ी रह जाती है। बहरहाल, विकास खंड में बभनगंवा, बेलासदा, पखरौली, बरुई, बेलामोहन, अभियाकला और अभियाखुर्द गांवों के खेतों में पानी भरकर व यूरिया डालकर पराली से खाद बनाई जा रही है।

पानी और यूरिया का प्रयोग कर किसान होंगे लाभान्वित : कृषि विशेषज्ञ डा. बीआर पांडेय बताते हैं कि धान के खेत में मौजूद पराली का लाभ लेने के लिए किसान खेत में पानी भरकर पांच से दस किलोग्राम यूरिया डाल दें तो दो से तीन दिन में पराली सड़कर खाद का रूप लेने लगती है। इसके बाद रोटावेटर हैरो या कल्टीवेटर से खेत की जुताई कर पराली को मिट्टी में मिला दिया जाता है। पखवारे भर में इस विधि से धान के खेत की पराली से हरी खाद बन जाती है, जिससे अगली फसल को लाभ मिलता है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है। इसी क्रम में ब्लाक से ग्राम पंचायत स्तर तक राजस्व तथा कृषि विभाग के नुमाइंदों को किसानों को पराली से खाद बनाने के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बिना स्ट्रा मैनेज सिस्टम के चल रही कंबाइन मशीन की सीज : कोतवाली देहात थाने के सौंराई गांव में कंबाइन मशीन से धान की कटाई की जा रही है। कंबाइन मशीन में स्ट्रा मैनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं थी। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय लेखपाल रवि कुमार को इसकी जानकारी दी। राजस्व कर्मियों ने इसकी सूचना कोतवाली देहात थाने को दी। कंबाइन मशीन को पुलिस थाने ले आई और उसे सीज कर दिया। राजस्व कर्मचारी की तहरीर पर पुलिस ने कंबाइन मशीन के मालिक पर मुकदमा दर्ज किया है।

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