पूर्व विधायक समेत चार लोग हत्या के आरोप से बरी
संजय बॉस हत्याकांड में साजिश का आरोप था। बीस वर्ष पहले वारदात हुई थी।
सुलतानपुर : एमपी-एमएलए कोर्ट के जज पीके जयंत ने बुधवार को बाबरी विध्वंस में चर्चित रहे पूर्व विधायक पवन पांडेय सहित चार को संजय बॉस हत्याकांड में बरी कर दिया। उन पर 20 साल पहले हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था।
बढ़ैयावीर निवासी अजय कुमार सिंह ने नगर कोतवाली में 29 मार्च 2001 को मुकदमा लिखाया कि उनका भाई संजय सिंह बस स्टेशन से घर की ओर बुलेट से श्रीप्रकाश चतुर्वेदी के साथ जा रहे थे। इसी दौरान सफेद मारुति कार से आए चार लोगों में तीन ने पिस्टल से संजय को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने आशंका जताई कि राजनीतिक दुश्मनी के कारण पूर्व विधायक पवन पांडेय व मुकदमेबाजी की रंजिश के चलते शुभकरण द्विवेदी ने हत्या कराई।
पुलिस ने मामले में दो महीने बाद जौनपुर के बबलू यूसुफ को गिरफ्तार कर दावा किया था कि गुड्डू सोहैल, पवन पांडेय, शुभकरण द्विवेदी, साजिद मैनेजर व सिपाही चंद्रकांत शुक्ला ने दो शूटरों से हत्या करवाई थी। विचारण के दौरान शुभकरण द्विवेदी, चंद्रकांत शुक्ला व गुड्डू उर्फ सोहैल की मृत्यु हो गई। अभियोजन कि तरफ से कुल ग्यारह गवाह अदालत में पेश किए गए।
एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रतिवादी पक्ष की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जीतेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि न तो कोई मुलजिम एफआइआर में नामजद था न किसी के पास से कोई बरामदगी हुई, हत्या में प्रयुक्त कार भी नहीं मिली। अदालत ने बुधवार को पूर्व विधायक पवन पांडेय, बबलू यूसुफ, रूपेश द्विवेदी व राजेश अवस्थी के खिलाफ आरोपों को सजा के लिए पर्याप्त नहीं माना। इसी क्रम में अदालत ने आरोपितों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। वहीं, आरोपित कमलेश की पत्रावली अलग कर दी गई है।