शहर से गांव तक गंदगी, नहीं चेत रहे जिम्मेदार
बरसात के मौसम में बढ़ रहा संक्रमण जिला अस्पताल से सीएचसी तक मरीजों की संख्या में इजाफा। संचारी रोग नियंत्रण अभियान की नहीं दिख रही सार्थकता।
सुलतानपुर : जोर-शोर से शुरू किया गया संचारी रोग नियंत्रण अभियान कागजों में ही सिमट गया है। शहर हो या गांव हर तरफ गंदगी चरम पर है। पानी का जमाव, चोक नालियां, कीचड़युक्त सड़कें लोगों को बीमार बनाने के लिए काफी हैं। संक्रामक रोगों से ग्रस्त लोगों की संख्या जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी-पीएचसी में बढ़ रही है। वहीं, नोडल अधिकारी व संबंधित कर्मचारी साफ-सफाई की फर्जी रिपोर्ट बनाकर शासन व प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं।
एक जुलाई को जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की थी। एक माह तक चलने वाले इस अभियान की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर सीडीओ अतुल वत्स खुद डीपीआरओ आरके भारती के साथ मैदान में उतरे। कई जगहों पर उनकी अगुवाई में सफाई अभियान चलाया भी गया। लेकिन, परिणाम खास उत्साहजनक नहीं रहा। अधिकारियों के स्तर पर की जाने वाली समीक्षा बैठकों में भी अभियान को निर्बाध गति से संचालित करने के संबंध में कोई सार्थक हल नहीं सका है। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि जिम्मेदारों से साफ-सफाई, फागिग व कीटनाशक का छिड़काव आदि की फोटोग्राफी मांगी जाती है, जिन जगहों पर गंदगी आदि जानकारी मिलती है उसे तुरंत साफ कराया जाता है।
नोडल अधिकारी संचारी रोग नियंत्रण अभियान डा. राधा बल्लभ ने बताया कि मौसम के परिवर्तन से लोग वायरल बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। एकत्रित पानी में पैदा होने वाले जीवाणुओं से भी तमाम तरह की बीमारियां होती हैं। डेंगू, हेपेटाइटिस ए, बी व सी, सुजाक, कुष्ठ रोग, मलेरिया खसरा, दिमागी बुखार, दाद-खाज व खुजली का भी प्रकोप बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए लोगों को साफ-सफाई के साथ ही सतर्क रहने की जरूरत होती है।
नहीं होती नालियों की सफाई :
बजबजाती नालियां, गंदगी व कचरे का फैलाव दूबेपुर विकास खंड के उहरपुर, हरखी-दौलतपुर, बंधुआ कलां व हसनपुर की पहचान बन गई है। राईन नगर में लोगों के घरों से निकला पानी सड़क पर ही भरा रहता है। बंधुआ कलां अनुसूचित जाति के लोगों की बस्ती में भी घरों से निकलने वाला पानी मार्ग पर कई-कई दिन तक जमा रहता है। स्थानीय निवासी संतोष सिंह ने बताया कि कहने के बाद भी सफाईकर्मी नाली को साफ नहीं करते हैं।
जिला अस्पताल में भी गंदगी :
जिला अस्पताल में भी चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। मेडिकल कचरे का ठीक ढंग से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। बर्न वार्ड के पास कूड़ा फेंका जाता है, जहां बेसहारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। सीएचसी-पीएचसी के भी हालात कुछ ज्यादा ठीक नहीं हैं।
कूड़ा-करकट की चपेट में सार्वजनिक स्थल :
कलक्ट्रेट कार्यालय हो या फिर तहसील, हर जगह गंदगी फैली हुई है। गुजरने वाले अधिकारियों को भी यह गंदगी नजर नहीं आती है। प्रेस क्लब के पास लोगों द्वारा कूड़ा फेंका जाता है। पांचोंपीरन, शास्त्री नगर, गभड़िया, खैराबाद, करौंदिया व निराला नगर में भी साफ-सफाई व्यवस्था बेपटरी है।
यह है कार्य योजना :
- साफ-सफाई समेत जीवाणु जनित वातावरण को समाप्त करना।
- संचारी रोगों व दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के साथ त्वरित उपचार।
- आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना।
- जन जागरूकता कार्यक्रम, एंटी लार्वा की समाप्ति के लिए फागिग कराया जाना।
- मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करने की जानकारी देना।