आबादी के मुताबिक नहीं हैं कोविड के लिए बेड व वेंटिलेटर

आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की तुलना की जाए तो 26 लाख पर 6842 लोगों पर एक बेड व 118181 व्यक्तियों पर एक वेंटिलेटर की ही उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी है। इसमें भी अधिकांश वेंटिलेटर प्रशिक्षित डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के अभाव में संचालित ही नहीं हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:56 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:56 PM (IST)
आबादी के मुताबिक नहीं हैं कोविड के लिए बेड व वेंटिलेटर
आबादी के मुताबिक नहीं हैं कोविड के लिए बेड व वेंटिलेटर

सुलतानपुर : कोरोना संक्रमण को रोकने की व्यवस्थाएं भले ही जारी हो, लेकिन विषम परिस्थिति में निपटने के लिए आवश्यकता के अनुरूप न तो बेड है और न ही वेंटिलेटर। आक्सीजन से भी होने वाली किल्लत अभी तक खत्म नहीं हो सकी है।

आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की तुलना की जाए तो 26 लाख पर 6842 लोगों पर एक बेड व 118181 व्यक्तियों पर एक वेंटिलेटर की ही उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी है। इसमें भी अधिकांश वेंटिलेटर प्रशिक्षित डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के अभाव में संचालित ही नहीं हो रहे हैं।

जिले की आबादी 26 लाख से ऊपर है। आम मरीजों को भर्ती कर इलाज करने के लिए जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व हेल्थवेलनेस सेंटर पर बेड की संख्या जरूरत के हिसाब से लगभग ठीक है। कोरोना के मरीजों को इन अस्पतालों में भर्ती करने से संक्रमण फैलने की आशंका होती है, ऐसे में शासन के निर्देश पर लेबल वन व टू के अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। केएनआइटी में दो सौ बेड का एलवन अस्पताल संचालित हो रहा है। इसके साथ ही ट्रामा सेंटर व केएनआटी में 50-50 बेड के एलटू अस्पताल भी चल रहे हैं। जिला अस्पताल में भी प्राइवेट वार्ड में 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाकर कोविड के संदिग्धों का इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर में 22 वेंटिलेटर की व्यवस्था है, लेकिन इनमें अधिकांश का संचालन ठप पड़ा है। हालांकि कोविड के अधिकांश मरीज खुद को होम आइसोलेट कर कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन कर ठीक हो रहे हैं, लेकिन संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने पर स्थितियां गंभीर हो सकती हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डीके त्रिपाठी ने बताया कि कोविड के मरीजों को बेहतर इलाज दिलाए जाने को लेकर मोतिगरपुर व कुड़वार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15-15 बेड का कोविड एलटू बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहोश करने वाले कुल 23 डाक्टरों के पद सृजित हैं, लेकिन मात्र तीन डाक्टरों से ही काम कर रहे हैं। इससे वेंटिलेटर का संचालन ठप पड़ा है।

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