पेट्रोल पंपों पर मनमानी वसूली में निशाने पर कंपनियां व अफसर
जिलाधिकारी के आदेश पर चल रही जांच में खुल रही उपभोक्ताओं से वसूली की पोल।
सुलतानपुर : फिलिंग स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल के अलग-अलग दाम वसूलने के मामले में पेट्रोलियम कंपनियां व उनके अफसर निशाने पर आ रहे हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली की पोल खुल रही है। टैंकर भाड़ा की आड़ में काफी दिनों से इस खेल की परतें जागरण में खबर प्रकाशित हाने के बाद खुलने लगी हैं।
11 जून को एक ही कंपनी के पेट्रोल पंपों पर एक किलोमीटर के दायरे में अलग-अलग कीमत वसूलने की सूचना जिलाधिकारी रवीश कुमार के संज्ञान में आई तो उन्होंने इसे गंभीर प्रकरण मानते हुए जिला पूर्ति अधिकारी अभय कुमार को जांच सौंपी। मामला तब और गंभीर हो गया जब दूसरे दिन 12 जून को पंपों पर डीजल-पेट्रोल के दाम बराबर हो गए। इससे अफसर सहित उपभोक्ता भी सकते में आ गए। बहरहाल, पेट्रोलियम कंपनियों के नोडल अफसर इसे आटोमेशन प्रणाली बताते रहे।
लेकिन, डीएसओ ने जब अपने आपूर्ति निरीक्षकों से जिलेभर के फिलिंग स्टेशनों के 11 से 13 जून तक के डीजल-पेट्रोल रेट लिखित में मंगवाए तो अंतर साफ दिखा। लेकिन, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि जब स्वचालित प्रणाली से रेट फिक्स होता है और पूरे देश में पेट्रोलियम की कीमत एक रहती है तो उपभोक्ताओं को अलग-अलग दाम क्यूं अदा करने पड़ते हैं।
इस बाबत पता चला कि कंपनियों के डिपो से पंप तक पेट्रोल-डीजल पहुंचाने वाले टैंकर का अलग-अलग किराया ही खेल का आधार है, क्योंकि कम दूरी पर ज्यादा कीमत व एक ही दायरे में ज्यादा वसूला जाना गलत है। जिला पूर्ति अधिकारी अभय सिंह ने बताया कि प्रकरण की जांच जारी है, कंपनियों के नोडल अफसर से अलग-अलग रेट होने व एक ही दिन में समान कीमत हो जाने तथा टैंकर किराया आदि के बारे में पूछा जा रहा है।