नेटवर्क नहीं आना है,बारिश का बहाना है

संवादसूत्र, सुलतानपुर : विद्यार्थी हों या व्यवसायी अथवा सामान्य उपभोक्ता.। इनके लिए संचार कंपनियों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 10:58 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 10:58 PM (IST)
नेटवर्क नहीं आना है,बारिश का बहाना है
नेटवर्क नहीं आना है,बारिश का बहाना है

संवादसूत्र, सुलतानपुर : विद्यार्थी हों या व्यवसायी अथवा सामान्य उपभोक्ता.। इनके लिए संचार कंपनियों ने इंटरनेट इस्तेमाल करने के बाबत लुभावने पैकेज लांच कर रखे हैं। पर, उन्हें नेटवर्क सुविधा मुहैया नहीं करा पा रही हैं। लिहाजा ये उपभोक्ता अपने को लुटा हुआ महसूस कर रहे हैं। जिले में मुख्य सेवा प्रदाता कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड के अधिकारी कभी नेटवर्क नहीं आने के पीछे केबल कटने तो कभी बारिश व आंधी को दोष दे रहे हैं। अगर यह सच है तो बारिश वाले अन्य इलाकों में नेटवर्क कैसे आ रहे हैं। हालांकि इसका ठोस जवाब उनके पास नहीं है।

इधर जिले के लाखों उपभोक्ता मोबाइल नेटवर्क को लेकर खासा परेशान हैं। वे अपने दर्द अफसरों को रोज बयां करते हैं। अधिकारी हैं कि शिकायत को दूर करने के बजाय उन्हें संतुष्ट करने का कोई न कोई बहाना ढूढ़ लेते हैं। सितंबर 2016 में जब फोर-जी की लां¨चग हुई तो उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया गया था कि उन्हें अब नेटवर्किंग सेवा बेहतर उपलब्ध होगी। उसकी स्पीड तेज हो जाएगी। लेकिन वही ढाक के तीन पात। टूजी, थ्री जी या फोर-जी किसी भी प्लान के उपभोक्ता संतुष्ट नहीं हैं। नेटवर्किंग सिस्टम अपने पुराने ढर्रे पर ही है। जून में सांसद वरुण गांधी ने सतर्कता निगरानी समिति की बैठक ली थी। उस दौरान बीएसएनल के तत्कालीन जीएम से नेटवर्क में बाधाओं को लेकर सवाल किए थे। तब जीएम ने फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान केबल को काटे जाने का बहाना किया था। इस मामले में जिलाधिकारी ने संचार महकमे से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। पर न तो अभी तक रिपोर्ट गई और न ही इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क में कोई सुधार हुआ। अब फिर भी बीएसएनएल के प्रबंधक आरके श्रीवास्तव कह रहे हैं कि नेटवर्क कमजोर होने का कारण हाल में हुई तेज बारिश और हवाएं हैं। इसलिए मिनी ¨लक और रेडियो ¨लक ध्वस्त हो गया है।

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