बेंगलुरु से सुलतानपुर पहुंची रामभक्तों की पैदल टोली

सुलतानपुर: अयोध्या मामले पर अदालत के फैसले की घड़ी नजदीक है। ऐसे में हलचल बढ़ना लाजमी है। इसी बीच राम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 10:39 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 10:39 PM (IST)
बेंगलुरु से सुलतानपुर पहुंची रामभक्तों की पैदल टोली
बेंगलुरु से सुलतानपुर पहुंची रामभक्तों की पैदल टोली

सुलतानपुर: अयोध्या मामले पर अदालत के फैसले की घड़ी नजदीक है। ऐसे में हलचल बढ़ना लाजमी है। इसी बीच राममंदिर के निर्माण के संकल्प को लेकर बेंगलुरु से रामभक्तों का एक दल शुक्रवार को जिले के सीताकुंड घाट पहुंचा। 26 सदस्यीय भक्तों का यह जत्था पदयात्रा करते हुए 64 दिनों तक चलकर यहां पहुंचा है। कुछ देर तक सीताकुंड में स्नान व विश्राम के बाद यह दल रामनगरी अयोध्या को रवाना हो गया। भक्तों को उम्मीद है कि फैसला रामलला के पक्ष में ही आएगा और वहां भव्य राममंदिर बनेगा।

भक्तों ने बताया कि वह पदयात्रा करते हुए बेंगलुरु के हुडिग्राम से निकलकर अब तक वह 1900 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं।

दल के अगुआ एचएस मंजुनाथ ने कहा कि छह दिसंबर 1992 को विवाद गहराने के दौरान वह 15 वर्ष के थे। लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लिखित पुस्तक मेरा देश मेरा जीवन को प्रेरणा मानकर 16 अगस्त से यह यात्रा शुरू की है। दल में उनकी पत्नी अनीता, मां जय अम्मा, बेटा दीक्षित और तेलांगना के आदिलाबाद निवासी बोरान दैया और पंडराचारी भी शामिल हैं। दल के दूसरे सदस्य मंजैया चावडी ने कहा कि एक घंटे में तीन से चार किमी तक हम लोग चलते हैं। सूरज ढलने से पहले 35 से 40 किमी की दूरी प्रतिदिन तय करते हैं।

बेहद अच्छे हैं देशवासी

पदयात्रा के दौरान हुए अनुभवों को साझा करते हुए दल के सदस्यों ने बताया कि उन्हें कहीं कोई असुविधा नहीं हुई। उद्देश्य जानने पर सभी ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया। भाषा, संस्कृति व शैली अलग होने के बावजूद कहीं अपरचित व अंजाने जैसा बर्ताव नहीं हुआ। सीताकुंड पर आकर दल के सदस्य भाव विभोर दिखे। श्रद्धालुओं ने कहा कि मां के घाट पर आ गए हैं। अब लक्ष्य मिल जाएगा। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से होगी मुलाकात

अयोध्या पहुंचने के बाद आगे के कार्यक्रम पर मंजूनाथ ने कहा कि रामलला के साथ सारे मंदिरों में दर्शन-पूजन होगा। मंदिर निर्माण के लिए प्रार्थना, पूजन व उपवास भी करेंगे।

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