नदी किनारे की बैरिकेडिग, विसर्जन कुंड में भरा पानी

कल होगा देवी प्रतिमाओं का विसर्जन। डीएम-एसपी ने सीताकुंड घाट का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 01:20 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 01:20 AM (IST)
नदी किनारे की बैरिकेडिग, विसर्जन कुंड में भरा पानी
नदी किनारे की बैरिकेडिग, विसर्जन कुंड में भरा पानी

सुलतानपुर : दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर के सीताकुंड घाट पर गोमती नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन न किए जाए, इसके लिए नदी के किनारे बांस-बल्ली लगाकर बैरिकेडिग की गई है। इसके साथ बगल में विसर्जन कुंड में पंपसेट लगाकर नदी का पानी भर दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पीएसी व जल पुलिस भी कैंप कर रही है।

यूं तो दुर्गापूजा का आयोजन पूरे देश में होता है लेकिन, जिले की दुर्गा पूजा का अपना एक अलग ही मुकाम है। यहां की खास बात यह कि जहां पूरे भारत में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन दशमी को हो जाता है। वहीं, जिले में विसर्जन इसके पांच दिन बाद यानि पूर्णिमा को होता है। इस बार कोरोना के चलते कहीं कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए, फिर भी नगर में कई स्थानों पर सजी दुर्गा प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा 31 अक्टूबर को निकलेगी। इसे लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है। विसर्जन स्थल नगर के सीताकुंड घाट पर पेयजल से लेकर अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं। नदी के किनारे बैरीकेडिग का काम गुरुवार को दिनभर चलता रहा।

डीएम-एसपी ने किया सीताकुंड धाम का निरीक्षण : जिलाधिकारी रवीश गुप्ता व पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा ने विसर्जन स्थल सीताकुंड घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने विसर्जन स्थल पर सभी तैयारियां समय से पूरी करने का निर्देश दिया। इस मौके पर एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कोरोना संक्रमण से बचाव को जागरूक कर रहा पंडाल : शहर में अलग-अलग स्थानों पर मां दुर्गा का अलग अलग स्वरूप देखने को मिल रहा है। राहुल चौराहे पर माता अष्टभुजी रानी का पंडाल बना है। इसमें कोरोना केयर हॉस्पिटल का द्वार बनाया गया है, जिससे कि लोगों में कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता लाई जा सके। समिति के व्यवस्थापक सारथी कसौधन ने बताया कि शाम को प्रतिदिन प्रसाद वितरण के समय आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क वितरित किया जाता है। इसके साथ सैनिटाइज की भी व्यवस्था की गई है।

chat bot
आपका साथी