ट्रैक की ऑनलाइन देखभाल को बढ़ाई जाएगी सतर्कता
-बरसात में रेल संचालन सुरक्षित रखने के लिए दिए गए निर्देश
सुलतानपुर : उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सभी 198 स्टेशनों पर ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) लागू होने के बावजूद रेल ट्रैक की देखभाल बेहतर नहीं हो रही है। बरसात में रेल ट्रैक पर पानी भरने और इसके क्षतिग्रस्त होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में सभी पथ निरीक्षकों और सहायक अभियंताओं को ट्रैक की देखभाल में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश लखनऊ मंडल की ओर से जारी किए गए हैं।
मौसम में बदलाव के बाद भीषण सर्दी व गर्मी शुरू होने पर रेल फ्रैक्चर की घटनाओं में इजाफा होता है। बारिश में भी पटरियों के बीच भारी बरसात के चलते खामियां उभरती हैं। ऐसे में गाड़ियों का संचालन सुरक्षित हो, इसके लिए ट्रैक की देखभाल की व्यवस्था ऑनलाइन है। टीएमएस के तहत ट्रैक सुरक्षा से जुड़े तकनीकी कर्मियों को लैपटॉप मुहैया कराया गया है। यह सीधे सेंट्रल फॉर रेलवे इंफारमेशन सिस्टम से जुड़ा है। बावजूद इसके वाराणसी-लखनऊ रेलखंड के बंधुआकला और पखरौली स्टेशन पर फरवरी माह में रेल फ्रैक्चर हुआ और कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों के गुजर जाने के बाद इसे देखा जा सका। गनीमत रही कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। जिले में अयोध्या-प्रयागराज व लखनऊ-वाराणसी रेलखंड का तकरीबन 160 किमी लंबा रेलखंड गुजरा है। इस रेलखंड की देखभाल और इस पर ट्रेनों का सुरक्षित संचालन ट्रैक के पुख्ता होने पर ही संभव है। निरंतर गस्त और किसी तरीके की खामी देखे जाने पर तुरंत पहुंचकर इसे दुरुस्त करके ऑनलाइन रेल उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दिए जाने की व्यवस्था होने के बावजूद इसमें कोताही बरती जा रही है। बारिश में व्यवस्थाएं ठीक रहें इसके लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने अपने सभी स्टेशनों को मेमो जारी कर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। स्टेशन अधीक्षक बीएस मीना ने बताया कि संबंधित पथ निरीक्षक अपने ट्रैक की निरंतर निगरानी रखते हैं। इस विस्तृत जानकारी अभियंत्रण विभाग को होती है।